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कोरोना काल में रक्षाबंधन का त्योहार पड़ा फीका, व्यापारियों को हुआ भारी नुकसान - राखियों का व्यापार

कोरोना के चलते इस बार राखी व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने अपने 15 साल के व्यापार में ऐसा पहली बार देखा है. वहीं व्यापारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नहीं होने से बाहर से माल नहीं आ पाया है, जिससे नुकसान उठाना पड़ा है.

Trading of cards
राखियों का व्यापार
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Published : Aug 3, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 11:17 AM IST

विदिशा । जिले में राखी व्यापारी करीब 15 सालों से व्यापार कर रहे हैं. यह पहला मौका ऐसा आया है, जब कोरोना के चलते व्यापार में इतनी गिरावट देखने को मिली है. कोराना काल व्यापारियों के लिए अभिशाप बनकर आया है. व्यापारी इरफान हर साल सीजन के अनुसार धंधा करते हैं. इरफान का कहना है कि उन्होंने पहली बार ऐसा माहौल देखा है, जब राखी के त्योहार पर उन्होंने बहुत कम राखियां खरीदी हैं. इरफान करीव 12 सालों से राखियों का व्यापार कर रहे हैं.

राखियों का व्यापार

कोराना के चलते इस बार मुनाफा की तो छोड़ो, लागत निकलने में भी मशक्कत करनी पड़ रही हैं. शनिवार और रविवार को लॉकडाउन के चलते काफी नुकसान हुआ है. इरफान बताते हैं कि थोक व्यापार में अचानक महंगाई बढ़ गई है, जो सामान दिल्ली-मुंबई से सस्ते दामों पर मिलता था, आज वो चौगुनी कीमत में मिल रहा है. सौरभ भी करीब 15 सालों से राखी का व्यापार कर रहे हैं. सौरभ मानते हैं कि कोराना महामारी ने उनका व्यापार चौपट कर दिया है. लोगों में कोरोना का डर है, जिस वजह से वे घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

व्यापारी का कहना है कि गुजरात और दिल्ली से काफी सस्ते दामों पर माल आता था. ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद होने के चलते माल नहीं आ रहा है. ग्राहकों को भी मन मुताबिक सामान नहीं मिल पा रहा है. राखी के व्यापार में चाइना का माल नहीं आने से भी व्यापारी भारी गिरावट देख रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि चाइना माल के वहिष्कार से जो सस्ती राखी चाइना से आती थी, वो सस्ता माल बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा है. कुल मिलाकर राखी का त्योहार इस बार फीका नजर आया है.

विदिशा । जिले में राखी व्यापारी करीब 15 सालों से व्यापार कर रहे हैं. यह पहला मौका ऐसा आया है, जब कोरोना के चलते व्यापार में इतनी गिरावट देखने को मिली है. कोराना काल व्यापारियों के लिए अभिशाप बनकर आया है. व्यापारी इरफान हर साल सीजन के अनुसार धंधा करते हैं. इरफान का कहना है कि उन्होंने पहली बार ऐसा माहौल देखा है, जब राखी के त्योहार पर उन्होंने बहुत कम राखियां खरीदी हैं. इरफान करीव 12 सालों से राखियों का व्यापार कर रहे हैं.

राखियों का व्यापार

कोराना के चलते इस बार मुनाफा की तो छोड़ो, लागत निकलने में भी मशक्कत करनी पड़ रही हैं. शनिवार और रविवार को लॉकडाउन के चलते काफी नुकसान हुआ है. इरफान बताते हैं कि थोक व्यापार में अचानक महंगाई बढ़ गई है, जो सामान दिल्ली-मुंबई से सस्ते दामों पर मिलता था, आज वो चौगुनी कीमत में मिल रहा है. सौरभ भी करीब 15 सालों से राखी का व्यापार कर रहे हैं. सौरभ मानते हैं कि कोराना महामारी ने उनका व्यापार चौपट कर दिया है. लोगों में कोरोना का डर है, जिस वजह से वे घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

व्यापारी का कहना है कि गुजरात और दिल्ली से काफी सस्ते दामों पर माल आता था. ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद होने के चलते माल नहीं आ रहा है. ग्राहकों को भी मन मुताबिक सामान नहीं मिल पा रहा है. राखी के व्यापार में चाइना का माल नहीं आने से भी व्यापारी भारी गिरावट देख रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि चाइना माल के वहिष्कार से जो सस्ती राखी चाइना से आती थी, वो सस्ता माल बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा है. कुल मिलाकर राखी का त्योहार इस बार फीका नजर आया है.

Last Updated : Aug 13, 2020, 11:17 AM IST
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