विदिशा। लॉकडाउन के साइड इफेक्ट अब नजर आने लगे हैं. सबसे ज्यादा गरीब तपके के वो परिवार प्रभावित हुए हैं. जो प्रतिदिन मजदूरी कर जीवन यापन करते थे. विदिशा जिले की निचली बस्तियों में रहने वाली महिलाओं पर खाने के बाद अब किस्त भरने का संकट मंडराएने लगा है. महिला समूहों को निजी कंपनी घरेलू व्यवसाय के लिए लोन देती है. लॉकडाउन के चलते यह व्यवसाय पूरी तरह बंद है. अब निजी कंमनियां उन पर किस्त भरने का लगातार दबाव बना रही हैं, उसी की शिकायत को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कलक्ट्रेट पहुंची.
![Requesting help from district administration to forgive installment of poor women of Vidisha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7258052_1065_7258052_1589877228673.png)
इन महिलाओं ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लोन लेकर स्वयं सहायता समूह का गठन किया, समूह में कुल 12 महिलाएं होती हैं. उन 12 महिलाओं में एक अध्यक्ष होता है. निजी कंपनियां उस समूह की अध्यक्ष को छोटा मोटा लोन देती है, अब हर माह लोन की किस्त आती है. उस लोन की क़िस्त को समूह की अध्यक्ष सभी महिलाओं से वसूल करती है. यह कंपनियां महिलाओं को लोन घरेलू व्यवसाय करने के लिए देती हैं. बताया जा रहा है कि, ये कंपनियां महिला समूहों से मनमाना ब्याज वसूलती हैं. लॉकडाउन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है, जिसकी वजह से इन महिलाओं के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, बावजूद इसके कंपनियां वसूली के लिए लगातार दबाव बना रही हैं, इन महिलाओं को कंपनियों की प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिलाओं ने अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत करवाया, जहां उन्हें मदद का आश्वासन मिला है.
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