विदिशा। कोरोना संक्रमण में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ा है. जहां पहले गरीब बच्चों को स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश मिलता था, कोरोना काल में वो भी बंद हो गया है, जिसके कारण गरीबों को अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही है. पालकों ने आरोप लगाया है कि, हर साल स्कूलों में उनके बच्चों को नि:शुल्क एडमिशन दिया जाता था, वो पूरी तरह बंद होने से बच्चों का साल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है.
पालकों ने नि:शुल्क एडमिशन की मांग करते हुए शिक्षा विभाग का घेराव कर किया साथ ही जमकर नारेबाजी की. शिक्षा अधिकारी से मांग करते हुए कहा कि, 'हर साल निजी स्कूलों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को प्रवेश आसानी से मिल जाता था. इस साल वो प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है, जिसे फिर से शुरु किया जाए'.
बता दें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए हर स्कूल में कुछ सीटें तय की जाती थी. जिसमें गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा सरकार की तरफ से दी जाती थी.