ETV Bharat / state

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल, नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद 41 महिलाओं को फर्श पर लिटाया

राइट टू हेल्थ की बात करने वाली सरकार में नसबंदी के बाद 41 महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया गया, अस्पताल प्रबंधन उन्हें एक बेड तक मुहैया नहीं करा सका.

author img

By

Published : Nov 27, 2019, 4:33 PM IST

नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को लेटाया जमीन पर
नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को लेटाया जमीन पर

विदिशा। राज्य सरकार भले ही राइट टू हेल्थ की बात करती है, प्रदेश को निरोगी बनाने के सपने देखती है, स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा भी कर रही है, लेकिन इन दावों की पोल नसबंदी शिविर में ही खुल गई. ग्यारसपुर स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था, जहां ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया गया. सर्दी में इस तरह महिलाओं को जमीन पर लिटा कर अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मुसीबतें और बढ़ा दीं. मामला बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया.

नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद 41 महिलाओं को फर्श पर लिटाया

विदिशा के ग्यारसपुर स्वास्थ्य केंद्र पर महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में 41 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के तत्काल बाद ही उन महिलाओं को अस्पताल परिसर में ही फर्श पर लिटा दिया गया. उन महिलाओं को एक बेड तक नसीब नहीं हो सका. ठंड के मौसम में नसबंदी का ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं में संक्रमण फैलने के खतरे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.

विदिशा सीएमचओ खिलान सिंह ने ग्यारसपुर के डॉक्टरों की लापरवाही को गंभीर माना है और तत्काल जांच के आदेश दिए हैं.

विदिशा। राज्य सरकार भले ही राइट टू हेल्थ की बात करती है, प्रदेश को निरोगी बनाने के सपने देखती है, स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा भी कर रही है, लेकिन इन दावों की पोल नसबंदी शिविर में ही खुल गई. ग्यारसपुर स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था, जहां ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटा दिया गया. सर्दी में इस तरह महिलाओं को जमीन पर लिटा कर अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मुसीबतें और बढ़ा दीं. मामला बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया.

नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद 41 महिलाओं को फर्श पर लिटाया

विदिशा के ग्यारसपुर स्वास्थ्य केंद्र पर महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में 41 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के तत्काल बाद ही उन महिलाओं को अस्पताल परिसर में ही फर्श पर लिटा दिया गया. उन महिलाओं को एक बेड तक नसीब नहीं हो सका. ठंड के मौसम में नसबंदी का ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं में संक्रमण फैलने के खतरे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.

विदिशा सीएमचओ खिलान सिंह ने ग्यारसपुर के डॉक्टरों की लापरवाही को गंभीर माना है और तत्काल जांच के आदेश दिए हैं.

Intro:विदिशा मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ सरकार भले ही राइट टू हेल्थ की बात कर मध्य प्रदेश में अच्छी स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने का दाबा कर रही हों इन दाबो बादो की जमीनी स्तर पर पोल खोलने के लिए यह तस्बीरे काफी है

Body:विदिशा जिले का स्वास्थ्य विभाग अपनी गैरजिम्मेदाराना करतूतों से बाज नहीं आ रहा , ताजा मामला विदिशा जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर ग्यारसपुर के स्वास्थ्य केंद्र का है जहां सोमवार को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया शिविर में 41 महिलाओं ने नसबंदी का ऑपरेशन भी कराया लेकिन ऑपरेशन के तत्काल बाद ही उन महिलाओं को अस्पताल परिसर में ही जमीन के ऊपर फर्श पर लिटा दिया गया,उन महिलाओं को एक बेड तक नसीब नहीं हो सका, नवंबर महीने के ठंड के मौसम में नसबंदी का ऑपरेशन करवाने वाली महिलाओं को संक्रमण फैलने के खतरे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया जब मामले को तूल पकड़ता दिखा तो आलाअधिकारियों ने डॉक्टरों पर जांच के आदेश देकर अपना पलड़ा जाड़ लिया ।

Conclusion:विदिशा सीएमच ओ खिलान सिंह ने ग्यारसपुर के डॉक्टरों द्वारा लापरवाही को गंभीर लापरवाही माना कहा कई डॉक्टरों को जांच के आदेश दे दिए गए है
बाईट खिलान सिंह सीएमचओ

भले ही जांच के आदेश देकर स्वास्थ विभाग ने अपना पलड़ा झाड़ लिया हो पर डॉक्टरों की करतूत स्वास्थ विभाग की कार्यशैली पर कई सवालिया निशान तो खड़े करती है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.