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विदिशा: गंदगी के बीच पलते इंसान, स्वच्छता अभियान पोस्टरों तक सिमित

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Published : Sep 29, 2020, 7:06 PM IST

स्वच्छता अभियान के तहत देश भर में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और तस्वीर बयां कर रही है,

Many lives thrive in this village of Vidisha amid filth
गंदगी के बीच पलती जिंदगियां

विदिशा। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार गांवों को साफ स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही हों और सरकारी आंकड़ों में बहुत सारे ग्रामों को स्वच्छ भी बना दिया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों के बिल्कुल उलट है,सैंकड़ों गांव ऐसे हैं गंदगी का अंबार लगा है, और इसी गंदगी के बीच गांव के लोग रहने को मजबूर हैं,

यही आलम मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का भी है. यह वही जिला है जहां से सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ और जिला कहा जाता रहा है. इन सबके बाद भी केंद्र की योजनाओं को छोड़िए यहां शिवराज सरकार की योजनाएं ही गांव तक नहीं पहुंच पाई. शमसाबाद तहसील के अंतर्गत आने वाला ग्राम बिछिया भी उन्ही ग्रामों में से एक ग्राम का उदारण है. न गांव में विकास पहुंचा, न ही गांव में स्वच्छता. 5 से 7 सौ आबादी के ग्राम बिछिया के लोग सालों से पंचायत प्रशासान से स्वच्छता की गुहार लगा रहे हैं पर इनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.

नालियां चोक और सड़कों पर बह रहा गंदा पानी

हालात ये है कि गांव की सड़कों पर गंदा पानी और जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हैं. पंचायत द्वारा कचरा उगलता कूड़ा दान इस बात की गवाही देने के लिए काफी है, कि ग्राम पंचायत द्वारा किस तरह स्वच्छता अभियान चलाकर गांव को स्वच्छ बनाया जा रहा है. गांव वालों की मानें तो स्वच्छता के नाम पर गांव में खाना पूर्ति कर दी जाती है. गांव की नालियां चोक हैं सड़कों पर गंदा पानी एक दिन नहीं बल्कि हर दिन बहता रहता है. गांव के बुजुर्ग हो या बच्चे सभी को इस गंदगी में से होकर गुजरना पड़ता है.

गांव के बीच नाला

गांव में फैल रही गंदगी ने लोगों की जिंदगी नरक कर रखी है तो दूसरी ओर यहां गांव के बीचो-बीच से एक गंदगी भरा विशाल नाला निकला है. जो कि पूरी तरह से खुला और कच्चा है, इस वजह से कई मवेशी नाले में गिर जाते हैं, तो कभी बच्चे फिसल कर गिर जाते हैं. नाले में बहता गंदा पानी गांव में कई बीमारियों को दावत भी दे रहा है. गांव के लोगों ने कई बार मांग की है कि नाले को बंद किया जाए और सफाई का काम नियमित हो. लेकिन गांव में पंचायत द्वारा साफ सफाई के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है.

ग्रामीणों को बीमारी की सता रही चिंता

गांव में सफाई नहीं होने से ग्रामीणों को बीमारी की चिंता सताने लगी है. यही नहीं गांव के लोगों का कहना है कि नाला होने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं, जिससे लोग कई बार डेंगू के शिकार हो जाते हैं, हालांकि इस पूरे मामले पर जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल का कहना है कि जिले भर की ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत काम जारी है. ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है, अगर कहीं इस तरह की शिकायत मिलती है तो वहां कार्रवाई की जाती है,

विदिशा। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार गांवों को साफ स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों अरबों रुपये पानी की तरह बहा रही हों और सरकारी आंकड़ों में बहुत सारे ग्रामों को स्वच्छ भी बना दिया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों के बिल्कुल उलट है,सैंकड़ों गांव ऐसे हैं गंदगी का अंबार लगा है, और इसी गंदगी के बीच गांव के लोग रहने को मजबूर हैं,

यही आलम मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का भी है. यह वही जिला है जहां से सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ और जिला कहा जाता रहा है. इन सबके बाद भी केंद्र की योजनाओं को छोड़िए यहां शिवराज सरकार की योजनाएं ही गांव तक नहीं पहुंच पाई. शमसाबाद तहसील के अंतर्गत आने वाला ग्राम बिछिया भी उन्ही ग्रामों में से एक ग्राम का उदारण है. न गांव में विकास पहुंचा, न ही गांव में स्वच्छता. 5 से 7 सौ आबादी के ग्राम बिछिया के लोग सालों से पंचायत प्रशासान से स्वच्छता की गुहार लगा रहे हैं पर इनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.

नालियां चोक और सड़कों पर बह रहा गंदा पानी

हालात ये है कि गांव की सड़कों पर गंदा पानी और जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हैं. पंचायत द्वारा कचरा उगलता कूड़ा दान इस बात की गवाही देने के लिए काफी है, कि ग्राम पंचायत द्वारा किस तरह स्वच्छता अभियान चलाकर गांव को स्वच्छ बनाया जा रहा है. गांव वालों की मानें तो स्वच्छता के नाम पर गांव में खाना पूर्ति कर दी जाती है. गांव की नालियां चोक हैं सड़कों पर गंदा पानी एक दिन नहीं बल्कि हर दिन बहता रहता है. गांव के बुजुर्ग हो या बच्चे सभी को इस गंदगी में से होकर गुजरना पड़ता है.

गांव के बीच नाला

गांव में फैल रही गंदगी ने लोगों की जिंदगी नरक कर रखी है तो दूसरी ओर यहां गांव के बीचो-बीच से एक गंदगी भरा विशाल नाला निकला है. जो कि पूरी तरह से खुला और कच्चा है, इस वजह से कई मवेशी नाले में गिर जाते हैं, तो कभी बच्चे फिसल कर गिर जाते हैं. नाले में बहता गंदा पानी गांव में कई बीमारियों को दावत भी दे रहा है. गांव के लोगों ने कई बार मांग की है कि नाले को बंद किया जाए और सफाई का काम नियमित हो. लेकिन गांव में पंचायत द्वारा साफ सफाई के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है.

ग्रामीणों को बीमारी की सता रही चिंता

गांव में सफाई नहीं होने से ग्रामीणों को बीमारी की चिंता सताने लगी है. यही नहीं गांव के लोगों का कहना है कि नाला होने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं, जिससे लोग कई बार डेंगू के शिकार हो जाते हैं, हालांकि इस पूरे मामले पर जिला पंचायत सीईओ मयंक अग्रवाल का कहना है कि जिले भर की ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत काम जारी है. ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है, अगर कहीं इस तरह की शिकायत मिलती है तो वहां कार्रवाई की जाती है,

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