विदिशा। पिछले कुछ दिनों से मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे मरीज की रविवार को मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया. मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के बाद भी बाहर से इंजेक्शन दवाई लाने के साथ-साथ अन्य जांच करने का आरोप लगाया. करीब 12 दिन पहले शमशाबाद के ग्राम जीरापुर में रहने वाले 35 वर्षीय सबाल सिंह जाटव को सांस की बीमारी होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
परिजनों ने लगाए आरोप: वहीं इस मामले में परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में मरीज के ठीक होने का आश्वासन दिया जाता रहा, लेकिन हालत में सुधार नहीं हो रहा था. जब सुधार ना होने पर उन्हें रेफर करने की बात कही गई तो बिना ऑक्सीजन के ही उन्हें नीचे भेज दिया गया. एंबुलेंस में भी ऑक्सीजन नहीं थी. इसी दौरान मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने इस पर जब डॉक्टर से बातचीत करनी चाही तो डॉक्टरों ने वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड और पुलिसकर्मी को बुला लिया. जिस पर उन्होंने मरीज के परिजन जो पहले से ही दुखी थे, उन्हें धमकाया.
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सीएसपी ने जांच की बात कही: परिजनों का आरोप है कि "यहां पर मरीज के लिए बाहर से इंजेक्शन और दवाई मंगाई जाती है. रात के वक्त निजी लैब के सदस्य सैंपल लेकर जांच करने आते हैं. उसका भी कमीशन बंधा है. हद तो तब हो गई जब इस हंगामा के बीच जांच पड़ताल करने पहुंचे सीएसपी राजेश तिवारी के सामने ही पैथोलॉजी संचालक द्वारा जांच रिपोर्ट दिए जाने की बात कही." सीएसपी राजेश तिवारी ने इस पूरे मामले की "जांच करने प्रशासनिक तौर पर मेडिकल कॉलेज और पैथोलॉजी के मामले में जांच संबंधी सूचना देने की बात कही है. वहीं मृतक के परिजनों को शासन की तरफ से सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में भी उन्होंने अपनी बात रखी है."