विदिशा। जिले में देहदान एवं अंगदान के लिए जागृति हेतु प्रयासरत विकास पचौरी फाउंडेशन के प्रयासों को सफलता मिली है. बढ़गोई ग्राम पठारी निवासी राजू प्रजापति एवं ज्योति प्रजापति के 12 दिन के पुत्र का पार्थिव शरीर का देहदान स्थानीय मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुआ. राजू एवं ज्योति के पुत्र को अस्वस्थ होने पर 13 मई को विदिशा के शासकीय चिकित्सालय में भर्ती किया था, जहां उसकी हालत बिगड़ती गई और संक्रमण के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उसका जीवन बचाया न जा सका.
मौत के बाद माता-पिता से अनुरोध : उसके निधन के बाद विकास पचौरी फाउंडेशन के सदस्यों ने बच्चे के माता-पिता से देहदान का अनुरोध किया, जिसे मानकर इस दंपती ने अपने 12 दिन के बच्चे का देहदान स्थानीय अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज में कर दिया. फाउंडेशन के सभी सदस्यों ने मृतक को श्रद्धांजलि दी.
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रिसर्च के लिए काम आएगा पार्थिव शरीर : मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील नंदेश्वर एवं एनाटॉमी डिपार्टमेंट की हेड डॉ. रश्मि देव पुजारी के अनुसार यह पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को रिसर्च के लिए काम आएगा. वह योग्य डॉक्टर बन सकेंगे. देहदान के समय डॉ. सुरेंद्र सोनकर, डॉ. सुजाता नेताम, डॉ. ओम प्रकाश कुमार गौर, डॉ. गरिमा पारदी, प्रभात शर्मा, नर्सिंग ऑफिसर पिंकी शर्मा, मोनिका तिवारी, श्वेता काबड़े, रीना जाटव , पूनम तिवारी , संदीप रघुवंशी ,राकेश परिहार सहित विकास पचौरी फाउंडेशन के सदस्य मौजूद थे.