विदिशा। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही ने एक बार फिर मानवीय संवेदनाओं से भरे हुए डॉक्टर के पेशे को शर्मसार किया है. 26 अगस्त को पैदा हुए मासूम के इलाज में लापरवाही के चलते उसका हाथ काला पड़ गया और अब उसकी जिंदगी बचाने के लिए हाथ का अलग किया जाना जरूरी है. नवजात के माता-पिता ने डॉक्टर पर एक्सपायरी डेट का वैक्सीन लगाने का आरोप लगाया है.
इस मामले पर जब सिविल सर्जन डॉ संजय खरे से बात करना चाही तो वो अपने कक्ष से नदारद मिले, लेकिन उनके कमरे में दो-दो पंखे पूरी स्पीड से चल रहे थे. जिला अस्पताल में भी सिविल सर्जन संजय खरे का कोई अता-पता नहीं मिला. इस मामले में स्थानीय विधायक शशांक भार्गव ने दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने और डॉक्टरों की लापरवाही से दिव्यांग होने वाले मासूम को गोद लेने के लिए शासन से आग्रह किया है.
जिला कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने इस मामले में भोपाल के हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों से मासूम के संबंध में जानकारी ली. साथ ही इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. ये पहला मामला नहीं है जब जिला अस्पताल की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हुए हों. कभी प्रसूति वार्ड में स्वस्थ बच्चों का दम तोड़ना तो कभी केस बिगड़कर भोपाल रेफर करना विदिशा जिला अस्पताल की परम्पराओं में शुमार हो चुका है.