विदिशा। शहर में कई सालों से सांप पकड़ने वाले सर्प मित्र शानू रैकवार की लापरवाही उनकी जान की दुश्मन बन गई. जिला पंचायत में सांप को दिखाते समय शानू को कोबरा ने डस लिया. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. विदिशा के शेरपुरा में रहने वाले शानू रैकवार पिछले कई वर्षो से अपनी जान पर खेलकर सांपों को पकड़ने का काम कर रहे थे. इसलिए लोग उन्हे सर्प मित्र कहते थे. मंगलवार को भी उदयगिरी सुनपुरा क्षेत्र में कोबरा सांप की जानकारी मिलने पर शानू गए थे.
कोबरे का रेस्क्यू कर लिया था : शानू ने अपने साथी के साथ सांप और उसके अंडे को रेस्क्यू किया. इसके बाद वन विभाग को सांप सौंपने से पहले किसी काम से जिला पंचायत गए थे. जहां उनकी एक लापरवाही से उनकी जान चली गई. दरअसल, शानू ने जिला पंचायत कार्यालय में सांप को दिखाने के लिए जैसे ही बोरी खोली तो सर्प ने उनके हाथ में काट लिया. उन्हें तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे शहर में शोक की लहर फैल गई. समाजसेवी, विकास पचौरी का कहना है कि ऐसे अपनी जान को हथेली पर लेकर जोशीले काम करना अच्छा नहीं. तेरे को ना कोई मंत्र आता, ना कोई जड़ी बूटी है तेरे पास और ना ही तूने कहीं से ट्रेनिंग ली है इस जोखिम भरे काम को करने की. सिर्फ हौसला और जुनून से तू खतरों से खेल रहा है. यह ठीक नहीं है बेटा.
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अस्पताल में मौत : सर्प मित्र के साथी राज कुछबंधिया ने बताया कि उदयगिरि से सांप पकड़कर हम लोग आ गए थे. इसके बाद फिर शानू ने फोटो व वीडियो निकलवाने के लिए कुछ लोगों को बुलाया. इसी दौरान सांप बोरी से निकलकर बाहर आ गया और उसने काट लिया. उसके बाद जिला अस्पताल लेकर आए. 1 घंटे तक यहां पर कुछ नहीं हुआ. उसके जाने से पूरा शहर दुखी है. क्योंकि वह सभी के काम आता था. एक फोन कॉल आने पर वह तुरंत मौके पर पहुंचता था और सांप पकड़कर लोगों को दहशत से निकालता था.