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MP High Court का अहम फैसला, DNA टेस्ट के लिए रेप पीड़िता की सहमति आवश्यक है, अभियुक्त की नहीं - DNA टेस्ट अभियुक्त की सहमति आवश्यक नहीं

जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने अपने अहम आदेश में सर्वोच्य न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि रेप केस में अभियुक्त का डीएनए टेस्ट करवाने का प्रावधान है. डीएनए टेस्ट के लिए रेप पीड़ित की सहमति आवश्यक है, परंतु अभियुक्त की नहीं. एकलपीठ ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेशित किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर विचार करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें. एकलपीठ ने आदेश की प्रति डीजीपी को भिजवाने के निर्देश दिये हैं.

MP High Court
MP High Court का अहम फैसला
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Published : Dec 27, 2022, 8:06 PM IST

जबलपुर/विदिशा। रेप, अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. आरोपी दुर्गेश धुर्वे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सिवनी जिले के आधेगांव पुलिस स्टेशन में नाबालिग पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने उसे 23 नवंबर 2011 को गिरफ्तार किया था. तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है. पीड़िता व उसकी मां ट्रॉयल कोर्ट में पक्षद्रोही हो गयी हैं. इसके अलावा एफएसएल रिपोर्ट भी निगेटिव है. पीड़िता का डीएनए टेस्ट नहीं करवाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया : सरकार की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी. एफएसएल रिपोर्ट निगेटिव होने के कारण पीड़िता का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए नहीं भेजा गया. राजा वर्मन विरुध्द मध्यप्रदेश सरकार प्रकरण में पारित आदेश का आधार पर पुलिस विभाग ने निर्णय लिया है कि एफएसएल रिपोर्ट निगेटिव आने पर डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल नहीं भेजे जाएंगे. एकलपीठ ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देने हुए उक्त निर्देश जारी किए. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि जिन प्रकरणों में पीड़िता की मृत्यु हो गयी है और विशेषकर पास्को के मामले में अभियुक्त की डीएनए रिपोर्ट साक्ष्य के रूप में महत्वपूर्ण है. सीआरपीसी की धारा 51 ए के तहत अभियुक्त के डीएनए टेस्ट करवाने का प्रावधान है.

विदिशा : मर्डर व डकैती में आजीवन कारावास: विदिशा जिले के डंडापुरा में 10 साल पहले रहने वाले किन्नर गुरु और उनके ढोलक वादक की हत्या की गई थी. घटना में शामिल आरोपियों में से एक की लूट की सामग्री में बंटवारे को लेकर हत्या हो चुकी है. तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. तीनों को जेल भेज दिया गया है.

10 साल पहले की वारदात : अतिरिक्त लोक अभियोजक मनीष केथोरिया ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के डंडापूरा इलाके में 10 साल पहले किन्नरों के घर पर कुछ लोगों द्वारा अंदर घुसकर किन्नर गुरु नरगिस और उनके ढोलक वादक सलीम की हत्या कर दी थी. घर में मौजूद सोने-चांदी के जेवर और बर्तन लूटकर ले गए थे. घटना को छह आरोपियों द्वारा अंजाम दिया था. सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के जालौन के कोंच क्षेत्र के निवासी थे. पुलिस द्वारा इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों में ही आपस में लूट की राशि के बंटवारे को लेकर एक आरोपी साबिर की हत्या कर दी थी. आरोपी रामकृष्ण उर्फ कल्लू और जमील खान अभी भी फरार चल रहे हैं. उनके खिलाफ न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. वहीं तीन अन्य आरोपी राजेंद्र अशफाक और दिलीप को आजीवन कारावास सुनाने के साथ जेल भेज दिया गया.

MP High Court सिमी आतंकी पर 1 हजार रुपए जुर्माना, जमानत के लिए फर्जी शादी का कार्ड लगाया

पति को 7 वर्ष का सश्रम कारावास : अनूपपुर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर की न्यायालय ने थाना चचाई के अपराध की धारा 306 भादवि में आरोपी 45 वर्षीय छोटेलाल कोल पुत्र रामदयाल कोल को दोषी पाते हुए सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. पैरवी अपर जिला अभियोजक सुधा शर्मा ने की. सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शशि धुर्वे ने मंगलवार को बताया कि आरोपित अपनी पत्नी शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया करता था. 17 फरवरी 2013 को महिला ने जीवन को समाप्त करने अग्नि के हवाले कर दिया. उसी समय उसके पुत्र ने देखा तब उसने मामा को जानकारी देकर थाने में सूचना दी. जली हुई अवस्था में जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया गया, जहां डॉक्टर ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने मृत्युकालीन कथन अंकित कर मामला पंजीबद्ध करते हुए जांच में लिया.

जबलपुर/विदिशा। रेप, अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. आरोपी दुर्गेश धुर्वे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सिवनी जिले के आधेगांव पुलिस स्टेशन में नाबालिग पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने उसे 23 नवंबर 2011 को गिरफ्तार किया था. तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है. पीड़िता व उसकी मां ट्रॉयल कोर्ट में पक्षद्रोही हो गयी हैं. इसके अलावा एफएसएल रिपोर्ट भी निगेटिव है. पीड़िता का डीएनए टेस्ट नहीं करवाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया : सरकार की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी. एफएसएल रिपोर्ट निगेटिव होने के कारण पीड़िता का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए नहीं भेजा गया. राजा वर्मन विरुध्द मध्यप्रदेश सरकार प्रकरण में पारित आदेश का आधार पर पुलिस विभाग ने निर्णय लिया है कि एफएसएल रिपोर्ट निगेटिव आने पर डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल नहीं भेजे जाएंगे. एकलपीठ ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देने हुए उक्त निर्देश जारी किए. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि जिन प्रकरणों में पीड़िता की मृत्यु हो गयी है और विशेषकर पास्को के मामले में अभियुक्त की डीएनए रिपोर्ट साक्ष्य के रूप में महत्वपूर्ण है. सीआरपीसी की धारा 51 ए के तहत अभियुक्त के डीएनए टेस्ट करवाने का प्रावधान है.

विदिशा : मर्डर व डकैती में आजीवन कारावास: विदिशा जिले के डंडापुरा में 10 साल पहले रहने वाले किन्नर गुरु और उनके ढोलक वादक की हत्या की गई थी. घटना में शामिल आरोपियों में से एक की लूट की सामग्री में बंटवारे को लेकर हत्या हो चुकी है. तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. तीनों को जेल भेज दिया गया है.

10 साल पहले की वारदात : अतिरिक्त लोक अभियोजक मनीष केथोरिया ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के डंडापूरा इलाके में 10 साल पहले किन्नरों के घर पर कुछ लोगों द्वारा अंदर घुसकर किन्नर गुरु नरगिस और उनके ढोलक वादक सलीम की हत्या कर दी थी. घर में मौजूद सोने-चांदी के जेवर और बर्तन लूटकर ले गए थे. घटना को छह आरोपियों द्वारा अंजाम दिया था. सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के जालौन के कोंच क्षेत्र के निवासी थे. पुलिस द्वारा इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों में ही आपस में लूट की राशि के बंटवारे को लेकर एक आरोपी साबिर की हत्या कर दी थी. आरोपी रामकृष्ण उर्फ कल्लू और जमील खान अभी भी फरार चल रहे हैं. उनके खिलाफ न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. वहीं तीन अन्य आरोपी राजेंद्र अशफाक और दिलीप को आजीवन कारावास सुनाने के साथ जेल भेज दिया गया.

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