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जिंदगी की जिद: बाढ़ में बहा घर जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया परिवार, 24 घंटे बाद हो सका रेस्क्यू

विदिशा के सिंरोज में एक परिवार का घर कैथन नदी के पास ही बना हुआ था. तेज बारिश और बाढ़ से उफनती नदी में इनका घर बह गया. जान बचाने के लिए पूरा परिवार छोटे बच्चों के साथ पेड़ पर चढ़ गया. इन्हें एयरलिफ्ट करने के आदेश भी हुए , लेकिन हेलिकॉप्टर इनतक पहुंच नहीं पाया

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जिंदगी की जिद: बाढ़ में बहा घर जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया परिवार
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Published : Aug 7, 2021, 9:03 PM IST

विदिशा। सिरोंज के एक परिवार ने अपने साहस से जिंदगी की जंग जीत ली. कैथन नदीं की उफनती लहरें जब इस परिवार को लील लेने के लिए तैयार थीं तब उनका सहारा बना एक पेड़. इस पेड़ पर दो भाई दोनों की पत्नियां और छोटे छोटे बच्चे 24 घंटे तक जिंदगी की जंग लड़ते रहे. पूरे 24 घंटे पेड़ पर बिताने वाले इस परिवार को एयरलिफ्ट किए जाने के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन अंधेरा होने की वजह से हेलिकॉप्टर उनकी मदद करने नहीं पहुंच सके. रात हो चुकी थी और इनके साथ था इनका साहस और भगवान का आशीर्वाद. मासूम बच्चों और महिलाओं के साथ पेड़ पर 24 घंटे बिता चुके इस परिवार को शनिवार को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया.

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बाढ़ में बह गया घर, जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े

सिरोंज में रहने वाले गौरव और उसका भाई का घर और खेत कैथन नदी के किनारे पर ही थे. तेज बारिश में नदी उफनने लगी और कुछ ही देर में नदी के पानी खेतों में फैल गया. नदी का बहाव इतना तेज था कि किनारे पर बना इनका घर बाढ़ में ढह गया. अब सामने था जान बचाने का संकट. चारों तरफ पानी-ही पानी और सामने था उम्मीदों का पेड़. जान बचाने के लिए गौरव, उनका भाई, दोनों भाईयों की पत्नियां और 9 साल और 2 साल के दो बच्चों को किसी तरह पेड़ पर चढ़ाया गया. पेड़ पर भी जहां ये लोग बैठे हुए थे वहां पानी इनसे सिर्फ 1 फीट नीचे था. गांव के सरपंच को इसकी खबर लगी तो परिवार को बचाने की कोशिशें शुरू की गईं.

जिंदगी की जिद: बाढ़ में बहा घर जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया परिवार
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एयरलिफ्ट करने का प्लान लेकिन नहीं पहुंच सका हेलिकॉप्टर

सरपंच प्रतिनिधि ने प्रशासन को इस पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिवार को एयरलिफ्ट किए जाने की कोशिश शुरू हुई. एयरलिफ्ट किए जाने के आदेश भी दिए गए, लेकिन इस सब में शाम हो गई और जहां ये लोग फंसे हुए थे वहां अंधेरा गहराने लगा. हेलिकॉप्टर के लिए वहां रेस्क्यू करना संभव नहीं था. गौरव और उसका भाई छोटू अपने परिवार के लोगों को रात भर भरोसा दिलाते रहे. छोटे बच्चों के साथ रात बिताना काफी मुश्किल था, लेकिन जिंदगी को तो जीतने की जिद थी. किसी तरह पेड़ पर पूरे परिवार ने रात बिताई और सुबह होने पर सरंपच प्रतिनिधि और एसडीआरएफ की टीम उनतक पहुंची और पूरे परिवार का सकुशल रेस्क्यू किया गया.

विदिशा। सिरोंज के एक परिवार ने अपने साहस से जिंदगी की जंग जीत ली. कैथन नदीं की उफनती लहरें जब इस परिवार को लील लेने के लिए तैयार थीं तब उनका सहारा बना एक पेड़. इस पेड़ पर दो भाई दोनों की पत्नियां और छोटे छोटे बच्चे 24 घंटे तक जिंदगी की जंग लड़ते रहे. पूरे 24 घंटे पेड़ पर बिताने वाले इस परिवार को एयरलिफ्ट किए जाने के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन अंधेरा होने की वजह से हेलिकॉप्टर उनकी मदद करने नहीं पहुंच सके. रात हो चुकी थी और इनके साथ था इनका साहस और भगवान का आशीर्वाद. मासूम बच्चों और महिलाओं के साथ पेड़ पर 24 घंटे बिता चुके इस परिवार को शनिवार को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया.

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बाढ़ में बह गया घर, जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े

सिरोंज में रहने वाले गौरव और उसका भाई का घर और खेत कैथन नदी के किनारे पर ही थे. तेज बारिश में नदी उफनने लगी और कुछ ही देर में नदी के पानी खेतों में फैल गया. नदी का बहाव इतना तेज था कि किनारे पर बना इनका घर बाढ़ में ढह गया. अब सामने था जान बचाने का संकट. चारों तरफ पानी-ही पानी और सामने था उम्मीदों का पेड़. जान बचाने के लिए गौरव, उनका भाई, दोनों भाईयों की पत्नियां और 9 साल और 2 साल के दो बच्चों को किसी तरह पेड़ पर चढ़ाया गया. पेड़ पर भी जहां ये लोग बैठे हुए थे वहां पानी इनसे सिर्फ 1 फीट नीचे था. गांव के सरपंच को इसकी खबर लगी तो परिवार को बचाने की कोशिशें शुरू की गईं.

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एयरलिफ्ट करने का प्लान लेकिन नहीं पहुंच सका हेलिकॉप्टर

सरपंच प्रतिनिधि ने प्रशासन को इस पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिवार को एयरलिफ्ट किए जाने की कोशिश शुरू हुई. एयरलिफ्ट किए जाने के आदेश भी दिए गए, लेकिन इस सब में शाम हो गई और जहां ये लोग फंसे हुए थे वहां अंधेरा गहराने लगा. हेलिकॉप्टर के लिए वहां रेस्क्यू करना संभव नहीं था. गौरव और उसका भाई छोटू अपने परिवार के लोगों को रात भर भरोसा दिलाते रहे. छोटे बच्चों के साथ रात बिताना काफी मुश्किल था, लेकिन जिंदगी को तो जीतने की जिद थी. किसी तरह पेड़ पर पूरे परिवार ने रात बिताई और सुबह होने पर सरंपच प्रतिनिधि और एसडीआरएफ की टीम उनतक पहुंची और पूरे परिवार का सकुशल रेस्क्यू किया गया.

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