विदिशा। कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने 25 जून को खुद पर हुए हमला मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. भार्गव ने कहा कि पुलिस बीजेपी नेताओं के दबाव में केस को कमजोर कर रही है. विधायक भार्गव ने कहा कि, 'मेरे कार्यालय पर हमला करने वालों के खिलाफ FIR हुई है. उसमें मैंने सात से आठ बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम दिए थे. पुलिस को साक्ष्य के रूप में वीडियो भी उपलब्ध कराया गया था, लेकिन पुलिस ने उन 23 व्यक्तियों के नाम नोटिस जारी किया, जो वास्तव में दोषी भी नहीं है. ज्यादा लोगों पर मुकदमा कायम करके पुलिस इस केस को कमजोर करना चाहती है'. विधायक भार्गव ने नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन पर दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि, नगर पालिका अध्यक्ष सत्ता का दवाब डालकर इस केस को कमजोर करना चाह रहे हैं.
ये भी पढ़ें- नहीं रहे लालजी टंडन, पार्षद से राज्यपाल तक ऐसा रहा राजनीतिक सफर
विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि, '25 जून की शाम करीब 7 बजे नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन अपने साथियों के साथ मिलकर पीतल मील क्षेत्र स्थित मेरे कार्यालय में घुसे, जहां उन्होंने गाली-गलौज और पथराव किया. इसके साथ ही हवाई फायरिंग भी की'. भार्गव ने कहा कि, 'मेरे ऊपर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें मैं बाल-बाल बचा. हमले के बाद पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का मुआयना भी किया. कुछ पुलिसकर्मी भी वहां मौजूद थे. इसके बाद भी नामजद रिपोर्ट नहीं लिखी गई'. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता-कार्यकर्ता ने मिलकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन भी दिया. इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि, मैं खुद दो दिन से FIR की कॉपी मांगने के लिए एसपी को फोन लगा रहा हूं, लेकिन पुलिस अधीक्षक मेरा फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं.