विदिशा। शहर के ढलकपुरा में रहने वाले एक पंजाबी परिवार में युवक-युवती का विवाह होने की सूचना पर चाइल्डलाइन की टीम और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम पुलिस के साथ पहुंची. यहां देखने को मिला कि 15 वर्ष की नाबालिग अपने प्रेम प्रसंग के चलते 20 वर्ष के युवक से शादी करने जा रही थी. पर चाइल्डलाइन की टीम और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विवाह के बीच किशोरी के तमाम दस्तावेज मांगे, लेकिन परिजन उसके बालिक होने का कोई भी दस्तावेज नहीं दे पाए. बाद में परिवार ने चाइल्डलाइन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद विवाह न करने की सहमति जताई. इसके बाद चाइल्डलाइन के सदस्य किशोरी को बाल समिति के सामने प्रस्तुत करने ले गए.
भांजी से शादी की जिद पर अड़ा मामा: नाबालिग लड़की के पिता ने चाइल्डलाइन प्रभारी से कहा कि हम दोनों की शादी के खिलाफ थे लेकिन यह दोनों नहीं मानने को तैयार नहीं इसलिए शादी करवा रहे थे. इस पर अधिकारी ने कहा कि आपकी बात समझ रही हूं पर यह बच्चे नहीं समझ रहे हैं. चाइल्डलाइन प्रभारी ने बालक-बालिका को समझाया कि बालिग होने के बाद शादी करना. मामला यहीं नहीं रुका, लड़की ने कहा कि अगर शादी नहीं हुई तो वह मर जाएगी. लड़के ने भी कहा कि घरवाले कहीं और शादी कराना चाहते हैं हमारी. चाइल्ड लाइन अधिकारी दीपक शर्मा ने आश्वासन दिया कि 3 साल बाद शादी करा देंगे.
बाल कल्याण समिति करेगी कार्रवाई: चाइल्ड हेल्प लाइन प्रभारी ने बताया कि ''हमें बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई थी, पता चला है कि बालक एवं बालिका रिश्ते में मामा भांजी लगते हैं. और दोनों की शादी विदिशा के ढलक पुरा में हो रही थी. तब हमने इस पर एक्शन लिया. महिला बाल विकास, थाना कोतवाली की टीम बनाई गई और विवाह स्थल पर पहुंचे यहां पर पहुंचते ही पता चला कि घर में बाल विवाह का कार्यक्रम शुरू हो रहा है. तभी हमारी टीम ने बालक एवं बालिका के दस्तावेजों की जांच की. जिसमें बालिका की उम्र 15 साल होना पाई है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बाल कल्याण समिति में प्रजेंट करके आगे की कार्रवाई बाल कल्याण समिति करेगी''.