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MP: सुषमा स्वराज के 'पोते' ने शेयर की 'दादी' की यादें

सुषमा स्वराज को जमीन से जुड़ा नेता कहा जाता है. वह लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थीं. विदिशा के गंजबासौदा से भी उनका खास लगाव रहा है. यहां के एक परिवार के घर बेटे का नामकरण करने वह दिल्ली से आयी थीं.

सुषमा स्वराज के 'पोते' ने शेयर की 'दादी' की यादें
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Published : Aug 7, 2019, 4:31 PM IST

विदिशा। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधर से पूरे देश में शोक की लहर है. आम से लेकर खास सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. विदिशा जिले से सुषमा स्वराज को बेहद लगाव था. गंजबासौदा से भी उनका गहरा नाता रहा है. गंजबासौदा में रहने वालों में उन्हें सबसे ज्यादा कोई मिस कर रहा है तो वह रूपक भावसागर है.

10 साल के रूपक की आंखें नम हैं. जब उसे पता चला कि उसकी दादी अब इस दुनिया में नहीं रहीं तो वह उदास हो गया. रूपक ने दादी के साथ बिताये पलों को याद किया. इस दौरान वह भावुक भी हो गया. रूपक का कहना है कि वो सुषमा स्वराज को दादी कहकर बुलाता था. इतना ही नहीं रूपक जब भी भोपाल या फिर उनसे मिलने जाता तो सुषमा स्वराज उसे मिठाई, चॉकेलट और खिलोने दिलाती थीं.

षमा स्वराज के 'पोते' ने शेयर की 'दादी' की यादें


रूपक और सुषमा स्वराज के रिश्ते का रोचक किस्सा है. रूपक के पिता रोहित भावसार गंजबासौदा बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. सुषमा स्वराज को 2009 में विदिशा सीट से प्रचंड जीत मिली थी. इसी दौरान रोहित भावसार को बेटा हुआ था, जिसकी जानकारी सुषमा स्वराज को लगी थी. इसके बाद जब रोहित सुषमा स्वराज को बधाई देने भोपाल पहुंचे तो खुद दीदी ने उन्हें बेटा होने पर बधाई दी थी.

इस दौरान उन्होंने वादा किया था कि जब वह गंजबासौदा आएंगी तो बेटे का नामकरण करेंगी. इसके बाद एक दिन रोहित को दिल्ली से सुषमा स्वराज की फोन आया और उन्होंने घर आने की सूचना दी और घर पहुंचकर बेटे का नाम करण करते हुए रूपक नाम रखा.

विदिशा। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधर से पूरे देश में शोक की लहर है. आम से लेकर खास सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. विदिशा जिले से सुषमा स्वराज को बेहद लगाव था. गंजबासौदा से भी उनका गहरा नाता रहा है. गंजबासौदा में रहने वालों में उन्हें सबसे ज्यादा कोई मिस कर रहा है तो वह रूपक भावसागर है.

10 साल के रूपक की आंखें नम हैं. जब उसे पता चला कि उसकी दादी अब इस दुनिया में नहीं रहीं तो वह उदास हो गया. रूपक ने दादी के साथ बिताये पलों को याद किया. इस दौरान वह भावुक भी हो गया. रूपक का कहना है कि वो सुषमा स्वराज को दादी कहकर बुलाता था. इतना ही नहीं रूपक जब भी भोपाल या फिर उनसे मिलने जाता तो सुषमा स्वराज उसे मिठाई, चॉकेलट और खिलोने दिलाती थीं.

षमा स्वराज के 'पोते' ने शेयर की 'दादी' की यादें


रूपक और सुषमा स्वराज के रिश्ते का रोचक किस्सा है. रूपक के पिता रोहित भावसार गंजबासौदा बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. सुषमा स्वराज को 2009 में विदिशा सीट से प्रचंड जीत मिली थी. इसी दौरान रोहित भावसार को बेटा हुआ था, जिसकी जानकारी सुषमा स्वराज को लगी थी. इसके बाद जब रोहित सुषमा स्वराज को बधाई देने भोपाल पहुंचे तो खुद दीदी ने उन्हें बेटा होने पर बधाई दी थी.

इस दौरान उन्होंने वादा किया था कि जब वह गंजबासौदा आएंगी तो बेटे का नामकरण करेंगी. इसके बाद एक दिन रोहित को दिल्ली से सुषमा स्वराज की फोन आया और उन्होंने घर आने की सूचना दी और घर पहुंचकर बेटे का नाम करण करते हुए रूपक नाम रखा.

Intro: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरे देश मैं गम का माहौल है , ऐसा ही माहौल उनके संसदीय क्षेत्र विदिशा मैं भी देखने को मिल रहा है यहाँ हर एक कार्यकर्ता की आँखे आज नम हैं । Body:सुषमा स्वराज को जमीन से जुड़ा नेता कहा जाता है क्योंकि वह एक ट्वीट पर लोगो की मदद करने के लिए हमेशा खड़ी दिखतीं थी ।
ऐसा ही एक किस्सा विदिशा की बासौदा तहसील के भावसार परिवार से जुड़ा हुआ है , जहाँ एक आम कार्यकर्ता के बच्चे का नामकरण करने वह दिल्ली से बासौदा तक आ गईं थी । 2009 के चुनाव मे जीत के बाद जब बासौदा के कार्यकर्ता रोहित भावसार सुषमा स्वराज जी को बधाई देने पहुँचे थे तो सुषमा स्वराज ने रोहित को आश्वासन दिया कि उनके बच्चे का नामकरण सुषमा जी खुद करेंगी । Conclusion:ओर उन्होंने किया भी ऐसा ही । चुनाव के बाद अपने सारे प्रोटोकॉल तोड़ कर बगैर किसी तामझाम के सुषमा जी ने रोहित के बच्चे का नामकरण रूपक भावसार किया ।
आज तक भी रूपक को सुषमा जी स्नेह दादी के रूप मैं ही मिल रहा था ।
वाइट - रोहित भावसार
वाइट - रूपक भावसार ।
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