विदिशा। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधर से पूरे देश में शोक की लहर है. आम से लेकर खास सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. विदिशा जिले से सुषमा स्वराज को बेहद लगाव था. गंजबासौदा से भी उनका गहरा नाता रहा है. गंजबासौदा में रहने वालों में उन्हें सबसे ज्यादा कोई मिस कर रहा है तो वह रूपक भावसागर है.
10 साल के रूपक की आंखें नम हैं. जब उसे पता चला कि उसकी दादी अब इस दुनिया में नहीं रहीं तो वह उदास हो गया. रूपक ने दादी के साथ बिताये पलों को याद किया. इस दौरान वह भावुक भी हो गया. रूपक का कहना है कि वो सुषमा स्वराज को दादी कहकर बुलाता था. इतना ही नहीं रूपक जब भी भोपाल या फिर उनसे मिलने जाता तो सुषमा स्वराज उसे मिठाई, चॉकेलट और खिलोने दिलाती थीं.
रूपक और सुषमा स्वराज के रिश्ते का रोचक किस्सा है. रूपक के पिता रोहित भावसार गंजबासौदा बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. सुषमा स्वराज को 2009 में विदिशा सीट से प्रचंड जीत मिली थी. इसी दौरान रोहित भावसार को बेटा हुआ था, जिसकी जानकारी सुषमा स्वराज को लगी थी. इसके बाद जब रोहित सुषमा स्वराज को बधाई देने भोपाल पहुंचे तो खुद दीदी ने उन्हें बेटा होने पर बधाई दी थी.
इस दौरान उन्होंने वादा किया था कि जब वह गंजबासौदा आएंगी तो बेटे का नामकरण करेंगी. इसके बाद एक दिन रोहित को दिल्ली से सुषमा स्वराज की फोन आया और उन्होंने घर आने की सूचना दी और घर पहुंचकर बेटे का नाम करण करते हुए रूपक नाम रखा.