विदिशा। देवखजुरी गांव में रहने वाले एक मूक-बधिर शख्स ने मानसून के दौरान गांव में बनने वाले बाढ़ जैसे हालातों से निपटने का जज्बा दिखाया और एक नाव बना डाली. खास बात यह है कि यह नाव गांव में ही मिलने वाली खजूर के लकड़ी,तिरपाल, कबाड़ हो चुके ट्रैक्टर के पंखे, लोहे के एंगल का उपयोग करते हुए बनाई गई है. गांव में बने बाढ़ जैसे हालातों के बीच लोग इसी जुगाड़ की नाव से आना जाना कर रहे हैं.
खुद चल नहीं पाते, लोगों को स्कूल और पंचायत तक पहुंचाते हैं
विदिशा में मानसून के दौरान होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए जब प्रशासन बैठकें कर रहा था इसी दौरान एक शख्स लोगों को मदद पहुंचाने वाली नाव तैयार करने में जुटा था. यह शख्स थे देवखजुरी गांव के कंछेदीलाल अहिरवार. मूक-बधित और पैरों से चलने फिरने से लाचार कंछेदी खजूर की लकड़ी तिरपाल और कबाड़ में मिली दूसरी चीजों एक नाव तैयार की है. यह जुगाड़ की नाव इन दिनों गांव के लोगों के बहुत काम आ रही है. बीते दिन हुई मूसलाधार बारिश के बाद गांव में कई जगह पानी भर गया. इस दौरान लोगों को जरूरी काम से बाहर जाना हो, बच्चों को स्कूल या फिर लोगों को पंचायत ऑफिस सभी ने इस जुगाड़ की नाव से सफर किया. कंछेदी लाल की बनाई गई इस जुगाड़ की नाव में एक साथ 4 लोग बैठ सकते हैं.
विदिशा का नक्शा भी बना चुके हैं
अपनी जुगाड़ की नाव में एक साथ 4 लोगों को बैठाकर जलभराव बाली बस्तियों से बाहर निकाल कर लाने वाले कंछेदीलाल एक अच्छे पेंटर भी हैं. उन्होंने विदिशा का एक नक्शा भी बनाया है. नक्शे में विदिशा का रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल, कलेक्ट्रेट, कृषि मंडी, नीमताल जैसी जगहों को हूबहू वहीं दिखाया गया है जहां वे हकीकत में मौजूद हैं, लेकिन खास बात यह है कि कंछेदी अपने गांव से बहुत कम ही बाहर निकले हैं.