विदिशा। खबर विदिशा से है, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. डर के साए में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में कभी बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस ही हाल में पढ़ना हमारी मजबूरी है.
मामला जिले के ग्यारसपुर जनपद शिक्षाकेंद्र का है. यहां स्थित संकुल हैदरगढ के बांसादेही एकीकृत माध्यमिक शाला में स्कूल के विद्यार्थी डर के साए में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 8 तक 73 बच्चे पढ़ाई करते हैं.
स्कूल के छात्रों ने बताया- "स्कूल की दीवारों में मोटी-मोटी दारारें चल रही है. एक कक्षा से दूसरी कक्षा में इन मोटी-मोटी दीवारों से झांक कर देखा जा सकता है."
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बच्चों के माता पिता का कहना है- "हमारे बच्चे आए दिन शिकायत करते हैं. स्कूल मे सांप निकल आते हैं. भवन गिरने का डर भी लगा रहता है."
स्कूल प्रबंधन ने क्या बताया: इस संबंध में स्कूल के प्रभारी नवल सिंह लोधी से बात की. उन्होंने बतााया- इस स्कूल में भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है. कभी भी कोई बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. आए दिन स्कूल में सांप देखे जाते हैं. इससे बच्चे डरे सहमे रहते हैं. स्कूल में किचन बनाने का भवन भी पूरा टूटा फूटा हुआ है.
कमरे में सांप बैठे रहते हैं: एक कक्षा में किचन का सामान रखा है. एक ही कक्षा में बिठाकर बच्चों को एक साथ पढ़ते हैं. माध्यमिक शाला का भवन भी नीचे से बड़ी-बड़ी कीड़ा कांटों की पोले है. इनमें सांप बैठे रहते हैं, इसलिए बच्चों को इस कक्षा में नहीं बिठाते हैं और हमारे पास कोई अतिरिक्त भवन भी नहीं है. हमारी मजबूरी है कि हम प्राइमरी कक्षा में ही बच्चों को एक साथ बिठाकर पढ़ा रहे हैं.