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विदिशा : गंजबासौदा पहुंचा टिड्डियों का दल, किसान परेशान - टिड्ढी दल क्या होता है

विदिशा के गंजबासौदा में टिड्डियों के दल ने शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश शुरू कर दिया है. जिसके कारण इन क्षेत्रों में खेतों में लगी कपास और चारे की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.

Grasshopper
पौधे पर बैठा टिड्ढी दल
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Published : Jun 13, 2020, 4:27 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 9:36 PM IST

विदिशा। जिले में एक तरफ हर कोई कोरोना महामारी की मार झेल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर टिड्डी दल भी किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. ऐसे में शनिवार को विदिशा के गंजबासौदा में टिड्डियों के दल ने शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रवेश कर लिया है. जिसके कारण इन क्षेत्रों में खेतों में लगी कपास और चारे की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.

गंजबासौदा पहुंचा टिड्डी दल

गंजबासौदा में टिड्डी दल की दस्तक के साथ ही जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. इस दौरान किसान पारंपरिक तरीके से टिड्डियों को भगा रहे हैं. गंजबासौदा के शहरी क्षेत्र में अचानक से टिड्डी दल की आमद से स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने के साथ ही ग्रामीणों से टिड्डी दल से पारंपरिक तरीके से निपटने की अपील की है. हालांकि जून के महीने में खेत खाली पड़े हैं. जिसके कारण किसानों को नुकसान की आशंका नहीं सता रही है. लेकिन किसानों को डर है कि टिड्डी दल पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचा दें.

क्या होता है टिड्डी दल

टिड्डी दल झुंड में चलता है. एक झुंड में लाखों टिड्डियां हो सकती हैं. ये जहां भी जाते हैं. वहां की फसल, वनस्पति और पेड़-पौधों को मिनटों में चट कर जाते हैं. जब खेत में फसल होती है तो इनके आने से किसान चिंतित हो जाते हैं. क्योंकि ये फसलों के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं. इसलिए इन्हें भगाने के लिए किसान, जिला प्रशासन का अमला निरंतर प्रयास करता है. ऐसा देखने में आया है कि ये दल फसलों को मिनटों में चट कर जाता है.

पारंपारिक तरीके से भगाने के उपाए

इनका दल किसी इलाके में जब प्रवेश करता है तो सबसे पहले किसान इन्हें भगाने के उपायों के बारे में सोचता है ताकि वह फसल को इनके हमले से रोक सके. इसके लिए किसान पारंपारिक तरीके से भगाने की कोशिश करता है. जिसमें सायरन, हॉर्न, बर्तन की आवाजों की मदद से टिड्डी दल का भगाया जाता है.

फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव

किसानों ने खेत में लगी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर उन्हें टिड्डों के आंतक से महफूज रखा है. जिसमें अनाज, फल और सब्जियों को कीटनाशक के छिड़काव से सुरक्षा प्रदान की है.

टिड्डी दल पर क्या बोले थे प्रधानमंत्री मोदी

'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि "भारत सरकार हो, राज्‍य सरकार हो, कृषि विभाग हो, किसानों की मदद करने के लिए, आधुनिक संसाधनों का भी उपयोग कर रहा है. नए-नए आविष्‍कार की तरफ भी ध्‍यान दे रहा है, और मुझे विश्‍वास है कि हम सब मिलकर हमारे कृषि क्षेत्र पर ये जो संकट आया है, उससे भी लोहा लेंगे, बहुत कुछ बचा लेंगे."

मध्यप्रदेश में कैसे आया टिड्डी दल

पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान होता हुआ टिड्डी दल मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में प्रवेश करता है और उसके बाद वह पूरे प्रदेश में फैल जाता है. टिड्डी दल मालवा, निमाड़, ग्वालियर और चंबल संभाग, महाकौशल जिलों में पहुंचकर फसलों को नुकसान करने की कोशिश करता है. लेकिन जागरूक किसान और जिला प्रशासन इनके हमले को नाकाम कर देते हैं.

विदिशा। जिले में एक तरफ हर कोई कोरोना महामारी की मार झेल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर टिड्डी दल भी किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. ऐसे में शनिवार को विदिशा के गंजबासौदा में टिड्डियों के दल ने शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रवेश कर लिया है. जिसके कारण इन क्षेत्रों में खेतों में लगी कपास और चारे की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.

गंजबासौदा पहुंचा टिड्डी दल

गंजबासौदा में टिड्डी दल की दस्तक के साथ ही जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. इस दौरान किसान पारंपरिक तरीके से टिड्डियों को भगा रहे हैं. गंजबासौदा के शहरी क्षेत्र में अचानक से टिड्डी दल की आमद से स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने के साथ ही ग्रामीणों से टिड्डी दल से पारंपरिक तरीके से निपटने की अपील की है. हालांकि जून के महीने में खेत खाली पड़े हैं. जिसके कारण किसानों को नुकसान की आशंका नहीं सता रही है. लेकिन किसानों को डर है कि टिड्डी दल पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचा दें.

क्या होता है टिड्डी दल

टिड्डी दल झुंड में चलता है. एक झुंड में लाखों टिड्डियां हो सकती हैं. ये जहां भी जाते हैं. वहां की फसल, वनस्पति और पेड़-पौधों को मिनटों में चट कर जाते हैं. जब खेत में फसल होती है तो इनके आने से किसान चिंतित हो जाते हैं. क्योंकि ये फसलों के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं. इसलिए इन्हें भगाने के लिए किसान, जिला प्रशासन का अमला निरंतर प्रयास करता है. ऐसा देखने में आया है कि ये दल फसलों को मिनटों में चट कर जाता है.

पारंपारिक तरीके से भगाने के उपाए

इनका दल किसी इलाके में जब प्रवेश करता है तो सबसे पहले किसान इन्हें भगाने के उपायों के बारे में सोचता है ताकि वह फसल को इनके हमले से रोक सके. इसके लिए किसान पारंपारिक तरीके से भगाने की कोशिश करता है. जिसमें सायरन, हॉर्न, बर्तन की आवाजों की मदद से टिड्डी दल का भगाया जाता है.

फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव

किसानों ने खेत में लगी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर उन्हें टिड्डों के आंतक से महफूज रखा है. जिसमें अनाज, फल और सब्जियों को कीटनाशक के छिड़काव से सुरक्षा प्रदान की है.

टिड्डी दल पर क्या बोले थे प्रधानमंत्री मोदी

'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि "भारत सरकार हो, राज्‍य सरकार हो, कृषि विभाग हो, किसानों की मदद करने के लिए, आधुनिक संसाधनों का भी उपयोग कर रहा है. नए-नए आविष्‍कार की तरफ भी ध्‍यान दे रहा है, और मुझे विश्‍वास है कि हम सब मिलकर हमारे कृषि क्षेत्र पर ये जो संकट आया है, उससे भी लोहा लेंगे, बहुत कुछ बचा लेंगे."

मध्यप्रदेश में कैसे आया टिड्डी दल

पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान होता हुआ टिड्डी दल मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में प्रवेश करता है और उसके बाद वह पूरे प्रदेश में फैल जाता है. टिड्डी दल मालवा, निमाड़, ग्वालियर और चंबल संभाग, महाकौशल जिलों में पहुंचकर फसलों को नुकसान करने की कोशिश करता है. लेकिन जागरूक किसान और जिला प्रशासन इनके हमले को नाकाम कर देते हैं.

Last Updated : Jun 13, 2020, 9:36 PM IST
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