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विदिशा में मुक्तिधाम पर मजदूरी करके मनाया मजदूर दिवस - chhindwara shamshan

विदिशा में एक मई को मजदूर दिवस मनाया गया. इस मौके पर शहर के मुक्तिधाम में लोगों ने श्रमदान किया. (Labor Day Celebration in Vidisha)

Labor Day Celebration in Vidisha MuktiDham
मुक्तिधाम में श्रम करते लोग
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Published : May 2, 2022, 1:27 PM IST

Updated : May 2, 2022, 1:54 PM IST

विदिशा। एक मई को मजदूर दिवस के दिन शहर के मुक्तिधाम में लोगों ने श्रमदान किया. लोगों ने श्रमदान के जरिए श्रम और मजदूर दिवस के महत्त्व को समझा. मुक्तिधाम के स्मृति उद्यान में पौधारोपण भी किया गया. इस मौके पर मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे ने कहा,"हम सब लोग मजदूरों के श्रम और मेहनत को याद कर रहे हैं.समाज के लिए मजदूरों ने श्रम करके बड़े-बड़े कारखाने और मकान बनाए हैं.फिर समाज में उनको अपना हक नहीं मिल रहा है. बेहतर आय नहीं होने के कारण मजदूरों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है." इस कार्यक्रम के दौरान श्रम पार्क में विभिन्न प्रजाति के पौधे भी लगाए गए.

MP : दलित को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट का इस्तेमाल करने से रोका गया

कोरोना काल में चर्चा में था यह श्मशान: श्मशान घाट पर यह श्रमदान इस लिहाज से भी काफी अहम है क्योंकि यहां पर जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, मौतों का ग्राफ भी बढ़ रहा था, तब 4 युवाओं ने मिलकर अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया था. अब इसे संवारा जा रहा है. अब भले ही यहां इंतजाम काफी बेहतर हो मगर उस दौरान शवों को जलाने के लिए यहां लकड़ियां कम पड़ गई थीं. श्मशान घाट में जगह कम पड़ने पर युवाओं ने यहां अस्थाई घाट भी बनाया था जिसका नाम भोर शमशान घाट रखा.

किसी 'गार्डन' से कम नहीं मोक्षधाम: इसके अलावा छिंदवाड़ा में भी इसी तरह श्रमदान से मुक्तिधाम को गार्डन में तब्दील किया गया था. लछुआ गांव के लोगों ने प्रशासन की मदद से और मनरेगा से मिली राशि से शमशान घाट को गार्डन में तब्दील कर दिया था. आज इस गार्डन में लोग न सिर्फ घूमने आते हैं, बल्कि यहां घंटों बैठकर अपना समय भी बिताते हैं. गार्डन में ग्रामीणों ने पौधे और फूल भी लगाए हैं. आए दिन खबरों में ग्राम पंचायतों और मोक्ष धाम में अव्यवस्था मिलती है, लेकिन लछुआ ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की मदद से किए गए मोक्ष धाम का निर्माण ऐसे ग्राम पंचायतों के लिए मिसाल है, जो बजट का हवाला देकर अपने काम से पल्ला झाड़ लेते हैं. (Labor Day Celebration in Vidisha)(Vidisha MuktiDham)

विदिशा। एक मई को मजदूर दिवस के दिन शहर के मुक्तिधाम में लोगों ने श्रमदान किया. लोगों ने श्रमदान के जरिए श्रम और मजदूर दिवस के महत्त्व को समझा. मुक्तिधाम के स्मृति उद्यान में पौधारोपण भी किया गया. इस मौके पर मुक्ति धाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे ने कहा,"हम सब लोग मजदूरों के श्रम और मेहनत को याद कर रहे हैं.समाज के लिए मजदूरों ने श्रम करके बड़े-बड़े कारखाने और मकान बनाए हैं.फिर समाज में उनको अपना हक नहीं मिल रहा है. बेहतर आय नहीं होने के कारण मजदूरों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है." इस कार्यक्रम के दौरान श्रम पार्क में विभिन्न प्रजाति के पौधे भी लगाए गए.

MP : दलित को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट का इस्तेमाल करने से रोका गया

कोरोना काल में चर्चा में था यह श्मशान: श्मशान घाट पर यह श्रमदान इस लिहाज से भी काफी अहम है क्योंकि यहां पर जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, मौतों का ग्राफ भी बढ़ रहा था, तब 4 युवाओं ने मिलकर अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया था. अब इसे संवारा जा रहा है. अब भले ही यहां इंतजाम काफी बेहतर हो मगर उस दौरान शवों को जलाने के लिए यहां लकड़ियां कम पड़ गई थीं. श्मशान घाट में जगह कम पड़ने पर युवाओं ने यहां अस्थाई घाट भी बनाया था जिसका नाम भोर शमशान घाट रखा.

किसी 'गार्डन' से कम नहीं मोक्षधाम: इसके अलावा छिंदवाड़ा में भी इसी तरह श्रमदान से मुक्तिधाम को गार्डन में तब्दील किया गया था. लछुआ गांव के लोगों ने प्रशासन की मदद से और मनरेगा से मिली राशि से शमशान घाट को गार्डन में तब्दील कर दिया था. आज इस गार्डन में लोग न सिर्फ घूमने आते हैं, बल्कि यहां घंटों बैठकर अपना समय भी बिताते हैं. गार्डन में ग्रामीणों ने पौधे और फूल भी लगाए हैं. आए दिन खबरों में ग्राम पंचायतों और मोक्ष धाम में अव्यवस्था मिलती है, लेकिन लछुआ ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की मदद से किए गए मोक्ष धाम का निर्माण ऐसे ग्राम पंचायतों के लिए मिसाल है, जो बजट का हवाला देकर अपने काम से पल्ला झाड़ लेते हैं. (Labor Day Celebration in Vidisha)(Vidisha MuktiDham)

Last Updated : May 2, 2022, 1:54 PM IST
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