विदिशा। जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने मिली. जहां 40 साल के सोहेल बबलू लॉकडाउन में फंसे जरूरत मंदों को घर-घर जाकर सब्जी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एक मासूम अन्नया शर्मा को सोहेल का काम इतना पसंद आया कि उसने अपनी गुल्लक फोड़कर 600 रुपये सोहेल को देकर नेक काम मे लगाने को कहा.
![Jamuna Tehzeeb's example amid lockdown in Vidisha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-vid-03-sabji-vitran-7204285_26042020181209_2604f_02176_530.jpg)
सोहेल बबलू बताते हैं कि पहले मंडी से सब्जी लाते फिर एक साथ कई पैकेट तैयार करते और यह पैकेट जरूरतमंंदों तक बिना किसी की मदद से उनके घर पहुंचाने का काम करते हैं.
सोहेल जब सब्जी बांट रहे थे, तब ही एक मासूम अन्नया शर्मा ने सोहेल को बुलाकर कहा यह आप क्या कर रहे हैं. सोहेल बबलू ने भी आपने कार्य के बारे में बताया मासूम अन्नया से रहा न गया, वो घर मे से अपनी गुल्लक लाई ओर सोहेल को करीब 600 रुपये की राशि दे दी. अन्नया ने कहा कि भाई इस नेक काम मे मेरे पैसे भी लगा दो.
सोहेल मासूम अन्नया का दरिया दिल देखकर नर्वस हो गए सोहेल ने भी अन्नया के आसपास के गरीबों तक सब्जी पहुंचाने का काम किया. किसी ने सही कहा है इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता. सोहेल बबलू खान और अन्नया शर्मा जैसी ही बच्ची इस मुल्क को अनेकता में एकता वाला देश बनाये रखने में कारगर साबित होते हैं.