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फिर दिखी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, मुस्लिम भाई को हिंदू बच्ची ने दिए गुल्लक के पैसे

कोरोना महामारी की जंग पूरा देश लड़ रहा है, देशभर में लॉकडाउन है, ऐसे में हर जगह से जरूरतमंदों की मदद कर लोग अनेकों मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसी ही गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल विदिशा में देखने को मिली है.

Jamuna Tehzeeb's example amid lockdown in Vidisha
गरीबों को राशन देते सोहेल बबलू खान
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Published : Apr 26, 2020, 8:48 PM IST

विदिशा। जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने मिली. जहां 40 साल के सोहेल बबलू लॉकडाउन में फंसे जरूरत मंदों को घर-घर जाकर सब्जी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एक मासूम अन्नया शर्मा को सोहेल का काम इतना पसंद आया कि उसने अपनी गुल्लक फोड़कर 600 रुपये सोहेल को देकर नेक काम मे लगाने को कहा.

Jamuna Tehzeeb's example amid lockdown in Vidisha
गरीबों को राशन देते सोहेल बबलू खान

सोहेल बबलू बताते हैं कि पहले मंडी से सब्जी लाते फिर एक साथ कई पैकेट तैयार करते और यह पैकेट जरूरतमंंदों तक बिना किसी की मदद से उनके घर पहुंचाने का काम करते हैं.

सोहेल जब सब्जी बांट रहे थे, तब ही एक मासूम अन्नया शर्मा ने सोहेल को बुलाकर कहा यह आप क्या कर रहे हैं. सोहेल बबलू ने भी आपने कार्य के बारे में बताया मासूम अन्नया से रहा न गया, वो घर मे से अपनी गुल्लक लाई ओर सोहेल को करीब 600 रुपये की राशि दे दी. अन्नया ने कहा कि भाई इस नेक काम मे मेरे पैसे भी लगा दो.

सोहेल मासूम अन्नया का दरिया दिल देखकर नर्वस हो गए सोहेल ने भी अन्नया के आसपास के गरीबों तक सब्जी पहुंचाने का काम किया. किसी ने सही कहा है इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता. सोहेल बबलू खान और अन्नया शर्मा जैसी ही बच्ची इस मुल्क को अनेकता में एकता वाला देश बनाये रखने में कारगर साबित होते हैं.

विदिशा। जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने मिली. जहां 40 साल के सोहेल बबलू लॉकडाउन में फंसे जरूरत मंदों को घर-घर जाकर सब्जी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एक मासूम अन्नया शर्मा को सोहेल का काम इतना पसंद आया कि उसने अपनी गुल्लक फोड़कर 600 रुपये सोहेल को देकर नेक काम मे लगाने को कहा.

Jamuna Tehzeeb's example amid lockdown in Vidisha
गरीबों को राशन देते सोहेल बबलू खान

सोहेल बबलू बताते हैं कि पहले मंडी से सब्जी लाते फिर एक साथ कई पैकेट तैयार करते और यह पैकेट जरूरतमंंदों तक बिना किसी की मदद से उनके घर पहुंचाने का काम करते हैं.

सोहेल जब सब्जी बांट रहे थे, तब ही एक मासूम अन्नया शर्मा ने सोहेल को बुलाकर कहा यह आप क्या कर रहे हैं. सोहेल बबलू ने भी आपने कार्य के बारे में बताया मासूम अन्नया से रहा न गया, वो घर मे से अपनी गुल्लक लाई ओर सोहेल को करीब 600 रुपये की राशि दे दी. अन्नया ने कहा कि भाई इस नेक काम मे मेरे पैसे भी लगा दो.

सोहेल मासूम अन्नया का दरिया दिल देखकर नर्वस हो गए सोहेल ने भी अन्नया के आसपास के गरीबों तक सब्जी पहुंचाने का काम किया. किसी ने सही कहा है इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता. सोहेल बबलू खान और अन्नया शर्मा जैसी ही बच्ची इस मुल्क को अनेकता में एकता वाला देश बनाये रखने में कारगर साबित होते हैं.

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