विदिशा। गंजबासौदा तहसील के ग्राम लाल पठार में घटित घटना के कारणों की मजिस्ट्रेरियल जांच होगी. इसके लिए वृदांवनसिंह, अपर जिला मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच अधिकारी द्वारा घटना स्थल की प्रकृतिक संरचना, लोगों की सुरक्षा के प्रबंध समेत अलग-अलग बिन्दुओं पर जांच की जाएगी. दरअसल, हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए कुएं के अंदर से बच्चे के शव समेत 11 शवों को निकाला जा चुका है. जबकि 19 लोगों को गुरुवार को ही निकाल लिया गया था. फिलहाल, प्रशासन मामले की गंभीरता से जांच में जुट गया है.
कैसे हुआ हादसा
दरअसल, गुरुवार की शाम को रवि नाम का बच्चा घर के पास कुएं में पानी भरने गया था. रवि के पिता ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब थी, इसलिए वह पानी लेने कुएं पर गया था. पिता कुएं पर पहुंचे तो रवि ने उन्हें बाल्टी देकर घर भेज दिया. रवि के पिता घर पहुंचे ही थे कि लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि रवि कुएं में गिर गया है. रवि के पिता समेत कई लोगों मौके पर पहुंचे थे.
अचानक जब धंस गया कुंआ
काफी देर मशक्कत करने के बाद रवि को बाहर नहीं निकाला जा सका. इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे. स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी, इसलिए लोग ही रवि को कुएं से बाहर निकालने के लिए मशक्कत कर रहे थे. इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर बनी गाडर पट्टी की छत पर चढ़ गए. कुएं की छत इतने लोगों का वजन नहीं उठा पाई और कुआं धंस गया, जिससे लगभग 20 से अधिक लोग कुएं में जा गिरे, जिसके बाद घटनास्थल पर देर रात से ही बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया था.
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा
गंजबासौदा में हुए हादसे में 30 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुएं के अंदर से बच्चे के शव समेत 11 शव निकाले जा चुके हैं. जबकि 19 लोगों को गुरुवार को ही निकाल लिया गया था. प्रशासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने के ऐलान किया गया था. इसमें से कुछ मृतकों के परिजनों को चेक सौंपा भी जा चुका है. इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है.
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प्रशासन अलर्ट
दरअसल, गुरुवार की शाम हुए इस हादसे का सबसे बड़ा कारण थी पानी की समस्या. गंजबासौदा तहसील के लाल पठार ग्राम में पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई थी, जिसके लिए ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों और नेताओ को आवेदन दिए थे, लेकिन प्रसाशन की नींद हादसे के बाद टूटी. लोगों का ये भी कहना है कि, अगर यहां जल समस्या न होती तो यह हादसा नहीं होता. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा पूर्व में कोई कदम नहीं उठाया गया, लेकिन जब गुरुवार को 30 के करीब लोग कुएं में गिर गए और 11 लोगों को जान गंवानी पड़ी, तब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट हुआ है.
जलसंधान विभाग की टीम पहुंची गंजबासौदा
बता दें कि, शनिवार को जलसंधान विभाग की टीम अपने अमले के साथ गंजबासौदा में पहुंची और पानी की समस्या के निराकरण का काम शुरू किया. वहीं, पानी की विकराल समस्या को लेकर गांव के लोगों ने विधायक लीना जैन को यहां की समस्या के बारे में बताया.