विदिशा। लगातार कोरोना महामारी के चलते मौतों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. आज ही बड़ी संख्या में अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन इन खबरों को बाहर नहीं आने दे रहा है. अभी खबर लिखे जाने तक 14 कोरोना से मौतों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई है जब तेज गति से जा रही एंबुलेंस है, एक कोरोना से संक्रमित डेड बॉडी मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एंबुलेंस में से निकलकर बाहर गिर गई. इसको देखकर परिजन बड़ी आक्रोशित हो गए. निश्चित ही जिला अस्पताल प्रबंधन की बहुत बड़ी गैर जिम्मेदारी और लापरवाही है.
एंबुलेंस से गिरा शव
मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर विदिशा के अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज से देखिए. जब एक जर्जर एंबुलेंस में डेड बॉडी को रखकर एंबुलेंस मुक्तिधाम की ओर जा रही थी, इसी बीच जर्जर एंबुलेंस का गेट खुलता है और कोरोना से संक्रमित डेड बॉडी जो पूरी तरह प्लास्टिक में पैक थी एक और सड़क पर फिक जाती है. जिसके लाइव फुटेज कैमरे में कैद हैं इसे देखकर परिजन हंगामा करने लगते हैं. उनका कहना है हम लोगों को कोई सूचना नहीं दी जा रही दो 2 दिन से परेशान हैं. मरीज की कोई जानकारी नहीं दी जा रही, जब आते हैं तो कहते हैं वह मर चुका है और आज भी एक डेड बॉडी सड़क पर एंबुलेंस से फेंक दी गई.
अस्पताल प्रंबधन और प्रशासन की 'लीपापोती'
इससे अच्छा है कि हम सब को जहर देकर मार डालो वही प्रशासन सभी बातों पर लीपापोती कर रहा है. वहीं मामले में एसडीएम का कहना है कि हम सभी लोगों को अंदर जाने नहीं दे सकते और रहा सवाल अंदर फोन उठाने का तो डॉक्टर सभी का इलाज कर रहे हैं. इसलिए जो लैंडलाइन नंबर जारी किया गया था. उस पर कोई सूचना बाहर नहीं आ पा रही है यह सही है कि परिजन अपने मरीजों का हाल जानना चाहते हैं.
खटारा सिस्टम की नाकामी उजागर! सड़क पर दौड़ती एंबुलेंस से गिरा शव
जिले में मौत का आंकड़ा
विदिशा में कोरोना से मरने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. और 20 से लेकर 25 लोगों की मौत प्रतिदिन कोरोना से हो रही है. गुरुवार को ही 20 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. आज भी एक बड़ा आंकड़ा मौतों का बाहर आ रहा है. लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. आज बीती रात्रि और सुबह ऐसी जानकारी आई है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है.
जिम्मेदारों के पास नहीं है 'शब्द'
अस्पताल सूत्रों की जानकारी के आधार पर जब ऑक्सीजन की कमी की जानकारी और उससे होने वाली कैजुअल्टी की जानकारी कलेक्टर तक आई तो रात्रि 1:30 बजे से जिला कलेक्टर से लेकर पूरा जिला प्रशासन अस्पताल के अंदर था बाहर से गेट लगा दिए गए थे. किसी भी प्रकार की बाहर खबर ना आए इसकी पूरी व्यवस्था कर ली गई थी. सूत्र बता रहे हैं कि सुबह 5:00 बजे कलेक्टर अपने बंगले को निकले, लेकिन एसडीएम और अन्य अधिकारी वहीं डटे रहें और जब लगभग शुक्रवार के 2:00 बजने को आए तब तक 14 लोगों के शव अस्पताल से एंबुलेंस के द्वारा मुक्तिधाम और अन्य स्थानों पर भेजे जाने की पुष्टि हो चुकी है लेकिन और कितनी मौतें आसियान के अभाव में हुई हैं इस पर कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है.