विदिशा। मध्य प्रदेश में लगातार हुई बारिश जिले के सैकड़ों गांवों के लिए कहर बनकर टूट है, बारिश तो थम गई, लेकिन अपने पीछे बर्बादी की निशानियां छोड़ गई. कई गांव के लोगों की बस्तियां, गृहस्थी उजड़ गई, तो कई लोग घर से बेघर हो गए. जहां अब लोगों के पास रोने और बिलखने के अलावा और कुछ नहीं बचा.
पिछले तीन दिनों से मध्य प्रदेश में हो रही भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. जब बारिश थमी, तो बर्बादी का मंजर दिखने लगा. गांव-गांव के उजड़ गए. किसी का घर टूटा, तो किसी का सामान बह गया. बारिश की तबाही सब कुछ बहा ले गई. ये कहानी है, विदिशा जिले में बेतवा नदीं के किनारे बसे 500 की आबादी वाले हसते- खेलते गांव हुस्नापुर की, जो आज वीराने में तब्दील हो गया. जहां का हर दूसरा ग्रामीण गांव में बाढ़ से हुई बर्बादी पर रोता बिलखता दिख रहा है.
शनिवार रात आई बाढ़
शनिवार की रात इस गांव पर आसमानी आफत कहर बनकर टूटी, पूरा गांव सुबह सो कर उठ भी नहीं पाया था कि, गांव में बाढ़ का पानी घुस गया. जहां लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान तो बचा ली. लेकिन चंद मिनटों में इनकी जिंदगीभर की पूंजी ताश के पत्तों के महल की तरह बिखर गई.
किसी तरह भागकर बचाई जान
किसी तरह गांव के लोगों ने भाककर अपनी जान बचाई, लेकिन बारिश थमने के बाद जब ग्रामीण फिर से गांव पहुंचे, तो उनके हंसते खेलते हुस्नापुर में सब कुछ बदल गया था. कच्चे घर की खपरैल से सूरज की किरणें झांकने लगी थीं. कपड़े, अनाज, गृहस्थी का पूरा समान बाढ़ का पानी अपने साथ बहा कर ले गया.
रो रहे हैं गांव के बुजुर्ग
70 साल के कन्यालाल तो अपनी आप बीती सुनाते- सुनाते कैमरे के सामने फूट- फूट कर रोने लगे. कहते हैं इस बाढ़ ने एक पल में सबकुछ बर्बाद कर दिया, घर में जो अनाज खाने के लिए रखा था, कुछ नहीं बचा. गांव की सकुरी बाई ने अपने जीवन में बाढ़ का मंजर पहले भी देखा है. लेकिन इस बार सबकुछ बर्बाद हो गया. इमरत भी अपनी आपबीती सुनाते हुए बेहद दुखी हैं, कहती हैं सुबह सो कर भी नहीं उठ पाए और बाढ़ आ गई.
गांव के लोगों को प्रशासन ने सरकारी स्कूल में ठहराया है. गांव वालों की जान तो बच गई, पर गांव के हर आदमी को अब अपनी बिखरी गृहस्थी को जोड़ने का कठिन काम दिख रहा है. हालांकि बाढ़ से बर्बादी का सर्वे तो शुरु हो गया है. लेकिन इन्हें वापस उसी जिंदगी में शायद अभी लौटना मुश्किल होगा. चंद मिनट के लिए हुस्नापुर में आई ये बाढ़ गांव के लोगों को वो जख्म दे गई है, जिनका भरना फिलहाल तो आसान नजर नहीं आता.