विदिशा। प्रशासन की मनमानी के चलते घर से बेघर हुए ग्रामीण गृहस्थी का सामान लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में उन्हें प्रशासन ने घर से बेघर कर दिया है. उनके सर से छत का साया छीन लिया है. इसी को लेकर ग्रामीण बुधवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां कलेक्टर ने उनकी समस्या का जल्द निराकरण करने की बात कही है.
दरअसल, शमसाबाद तहसील के कुछ ग्रामीण अपनी शिकायत लेकर जिला कलेक्टर के पास में पहुंचे. ग्रामीणों ने अपने साथ घर-गृहस्थी का समान लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर बैठकर अधिकारियों को आपबीती सुनाई. ग्रामीणों का कहना है, 'बारिश के मौसम में कई लोगों को प्रशासान ने बेघर से कर दिया है. पटवारी ने सरकारी जमीन का बताकर उनके घरों पर जेसीबी चलवा दी, जबकि हम लोग उस जगह दस साल से रह रहे हैं. यह जगह हमें रहने के लिए सरकार ने ही उपलब्ध कराई गई थी.'
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने शमसाबाद एसडीएम को मामले में जांच के आदेश देते हुए कहा, आखिर ये कौन लोग है, इन्हें बेघर क्यों किया गया है. ग्रामीणों ने बताया सभी लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग हैं. शासन की योजना तो मानो एक सपना है. प्रधानमंत्री आवास का भी लाभ उन्हीं लोगों को मिल रहा है, जिन्हें जरूरत नहीं है. हम गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. पंचायत से लेकर जिला मुख्यालय तक कई आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, जब ग्रामीणों ने किसी ग्राम से कुटीर की मांग की हो. जिले भर से कुटीर की मांग को लेकर जिला कलेक्टर से आए दिन आवेदन-निवेदन का दौर लगा रहता है. इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.