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MP Vidisha सिरोंज क्षेत्र के इकलोद में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार

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Published : Jan 28, 2023, 6:58 PM IST

विदिशा जिले के इकलोद में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करने को लोग मजबूर हैं. ऐसे कई गांव हैं जहां अनुसूचित जाति की बस्ती में अंतिम संस्कार हेतु टीन शेड नहीं हैं. हैंडपंप और पहुंच मार्ग भी नहीं हैं.

Funeral under open sky at Iklod in Vidisha district
विदिशा जिले के इकलोद में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार
विदिशा जिले के इकलोद में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार

विदिशा (सिरोंज)। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में अनुसूचित जाति की बस्तियों सहित अन्य बस्तियों में अंतिम संस्कार की सुविधा नहीं होने से लोग परेशान हैं. संविधान में अधिकार दिया गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसकी धर्म नीति अनुसार अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से किया जाए. लेकिन सिरोंज, गंजबासोदा, कुरवाई के कई गांवों में ये सुविधा नहीं है. सिरोंज जनपद के ग्राम इकलोद में शनिवार को फसलों के बीचोंबीच खेत में श्मशान घाट पर 100 वर्ष से अधिक उम्र की महिला का अंतिम संस्कार किया गया.

कई सालों से कर रहे हैं मांग : ग्रामीणों और अनुसूचित जाति के लोगों ने बताया कि कई सालों से वह लगातार मांग कर रहे हैं कि अंतिम संस्कार के स्थल पर टीन शेड बनाया जाए. सीमेंट कंक्रीट का रोड बनाया जाए और एक हैंडपंप लगवा दिया जाए. लेकिन समस्या का निराकरण नहीं किया गया. विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुभाष बोहत एडवोकेट ने कलेक्टर व एसडीएम से कई बार आग्रह किया है कि वह इकलोद ही नहीं बल्कि कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में जर्जर श्मशान घाटों को सुधारें.

कृषि विभाग के SADO को मरने के बाद भी नसीब नहीं हुआ मुक्तिधाम, खुले असमान के नीचे खेत में करना पड़ा अंतिम संस्कार

कोई सुनवाई नहीं हो रही : लगातार मांग के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. बोहत ने चेतावनी दी है कि शीघ्र ही इस ग्राम में टीन शेड, पहुंच मार्ग व हैंडपंप नहीं लगाए गए तो वह जन आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ झूठ बोलने और धोखा देने वाली सरकार है. बोहत ने कहा कि वह प्रतिदिन किसी न किसी ग्राम में जाकर अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, लेकिन वहां की व्यवस्थाएं देखकर मन व्यथित होता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि शीघ्र अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं प्रत्येक ग्राम में नहीं की गई तो आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा.

विदिशा जिले के इकलोद में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार

विदिशा (सिरोंज)। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में अनुसूचित जाति की बस्तियों सहित अन्य बस्तियों में अंतिम संस्कार की सुविधा नहीं होने से लोग परेशान हैं. संविधान में अधिकार दिया गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसकी धर्म नीति अनुसार अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से किया जाए. लेकिन सिरोंज, गंजबासोदा, कुरवाई के कई गांवों में ये सुविधा नहीं है. सिरोंज जनपद के ग्राम इकलोद में शनिवार को फसलों के बीचोंबीच खेत में श्मशान घाट पर 100 वर्ष से अधिक उम्र की महिला का अंतिम संस्कार किया गया.

कई सालों से कर रहे हैं मांग : ग्रामीणों और अनुसूचित जाति के लोगों ने बताया कि कई सालों से वह लगातार मांग कर रहे हैं कि अंतिम संस्कार के स्थल पर टीन शेड बनाया जाए. सीमेंट कंक्रीट का रोड बनाया जाए और एक हैंडपंप लगवा दिया जाए. लेकिन समस्या का निराकरण नहीं किया गया. विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुभाष बोहत एडवोकेट ने कलेक्टर व एसडीएम से कई बार आग्रह किया है कि वह इकलोद ही नहीं बल्कि कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में जर्जर श्मशान घाटों को सुधारें.

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कोई सुनवाई नहीं हो रही : लगातार मांग के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. बोहत ने चेतावनी दी है कि शीघ्र ही इस ग्राम में टीन शेड, पहुंच मार्ग व हैंडपंप नहीं लगाए गए तो वह जन आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ झूठ बोलने और धोखा देने वाली सरकार है. बोहत ने कहा कि वह प्रतिदिन किसी न किसी ग्राम में जाकर अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, लेकिन वहां की व्यवस्थाएं देखकर मन व्यथित होता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि शीघ्र अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं प्रत्येक ग्राम में नहीं की गई तो आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा.

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