विदिशा। शमशाबाद छेत्र के किसानों को बैंक से अपने पैसा निकालना कोई जंग जीतने से कम नहीं है. बैंक से पहले किसान को अपने खाते में बैलेंस चेक करने और रुपयों को बैंक पास बुक को पुलिस थाने के सामने अपने प्रतिनिधि के रूप में लाइन में लगाकर टोकन लेना अनिवार्य है. टोकन लेने के बाद ही किसान को बैंक में टोकन दिखाने पर एंट्री मिलेगी और बाद में किसान का पैसा निकाला जाएगा या बैलेंस चेक होगा.
सोयाबीन की बर्बाद फसल का आया मुआवजा
दरअसल, सरकार द्वारा सोयाबीन की बर्बाद फसलों का मुआवजा किसानो के खाते में आ गया है, जिससे किसान बैंक में भीड़ लगाकर पैसा निकाल रहे हैं. उस भीड़ को काबू करने की लिए जिला सहकारी बैंक प्रबधन द्वारा टोकन की व्यवस्था की गई है. किसानों को पैसा निकालने के लिए बैंक का टोकन लेना अनिवार्य है. किसान अपनी बैंक खाते की पासबुक को अपने प्रतिनिधि के रूप में लाइन में रखकर टोकन लेकर बैंक से पैसा निकालते हैं वहीं बैंक प्रबंधन द्वारा बताया कि लगभग 30 हजार खाते हैं. सभी लोग एक साथ पैसा निकालने आ रहें, जिससे बैंक में भीड़ बढ़ गई है. वहीं कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है.
रात को भी लाइन में लग रहे किसान
किसान संजीव मीणा का कहना है कि बुधवार को भी हम रात में आए थे और आज तीन बजे आ गए. इसके बाद जब हमारी बारी आई तो टोकन खत्म हो गए. पूरे दिन यहीं पड़े रहने के बाद भी टोकन नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वह टोकन के लिए तीन दिन से भटक रहे हैं. उन्हें टोकन नहीं मिला लेकिन कुछ लोग जुगाड़ भिड़ाकर टोकन ले जा रहे हैं. वहीं किसान कमल सिंह का कहना है कि टोकन से ही पैसे मिल रहे हैं. थाने के सामने टोकन बांटे जे रहे हैं. करीब डेढ़ सौ लोगों को टोकन बांटा जाता है बाकी बचे लोग वापस चले जाते हैं लेकिन हम रात में यहीं सो जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज भी लाइन में लगे हैं, टोकन मिले या नहीं इसका कुछ पता नहीं.
फसलों में आग लगने का मामला, सांसद बांटेंगे सहायता राशि का प्रमाणपत्र
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ विनायक प्रकाश सिंह से बातचीत की गईं तो उन्होंने कहा कि शासन से मुआवजा राशि किसानों के खातों में जमा हुई है. जिले के लगभग 70% किसानों के खाते जिला सहकारी बैंक में ही हैं. सभी के खाते में मुआवजा राशि के उद्देश्य से भीड़ है.