ETV Bharat / state

विदिशा में बड़ी लापरवाही: महिला डॉक्टर ने नॉन प्रेगनेंट महिला को बताया गर्भवती

author img

By

Published : May 23, 2021, 7:19 PM IST

विदिशा के गंजबासौदा में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. महिला डॉक्टर ने नॉन प्रेगनेंट महिला को गर्भवती बता दिया और इलाज भी किया. मामले को खुलासा तब हुआ जब सोनोग्राफी हुई.अब पीड़ित महिला ने कार्रवाई की मांग की है.

डॉक्टर ने नॉन प्रेगनेंट महिला को बताया गर्भवती
डॉक्टर ने नॉन प्रेगनेंट महिला को बताया गर्भवती

विदिशा।गंजबासौदा में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है.यहां करौंदा गांव की रहने वाली महिला को सरकारी महिला डॉक्टर ने प्रेगनेंट बता दिया और इलाज भी किया.मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला की तबीयत बिगड़ी.जिसके बाद पीड़ित महिला फिर से डॉक्टर के पास पहुंची.जिसके बाद डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी करने के लिए लिखा और जब सोनोग्राफी हुई तो पता चला कि पीड़ित महिला प्रेगनेंट ही नहीं है.मामले में पीड़ित महिला और उसके पति ने जब लापरवाही को लेकर डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ऐसे व्यवहार करने लगी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. लेकिन इस लापरवाही ने पीड़ित महिला के अरमानों का गला जरुर घोंट दिया है. परेशान महिला ने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई है.
ये है पूरा मामला
जिले के करौंदा गांव की रहने वाली पीड़ित महिला जो लगभग डेढ़ माह पहले पेट दर्द की शिकायत को लेकर अपने पति के साथ सरकारी महिला चिकित्सक लीना शर्मा के पास पहुंची। जहां महिला डॉक्टर ने पीड़ित महिला को बताया कि वह प्रेगनेंट है, उसे 3 माह का गर्भ है. महिला चिकित्सक ने उस महिला का प्रेगनेंसी का इलाज चालू कर दिया ,वहीं खबर जानने के बाद पीड़ित महिला के परिवार में खुशी का माहौल छा गया. महिला डॉक्टर द्वारा लिखी गई महंगी- महंगी दवाइयों का सेवन करती रही. लेकिन डेढ़ माह बाद पीड़ित महिला को इंटरनल ब्लीडिंग की शिकायत हुई, तो वह फिर से महिला चिकित्सक लीना शर्मा के पास पहुंची और महिला चिकित्सक को समस्या की जानकारी दी. जिस पर महिला चिकित्सक द्वारा सोनोग्राफी कराने को कहा गया, आनन-फानन में महिला अपने पति के साथ सोनोग्राफी के लिए विदिशा पहुंची लेकिन सोनोग्राफी के बाद मानो पीड़ित महिला और उसके परिवार पर गाज गिर गई. जब पता चला कि उसके पेट में किसी प्रकार का गर्भ नहीं है, यानि 3 महीने का गर्भ कहकर जिस महिला चिकित्सक ने खुशियों की बौछार कर दी थी वो एक पल में ही सिमट गईं और पूरा परिवार दुखी हो गया, मामले में पीड़ित महिला और उसके पति द्वारा महिला चिकित्सक डॉक्टर लीना शर्मा को जब अवगत कराया, तब महिला चिकित्सक ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए पीड़ित महिला से कहा कि "इसमें मैं क्या कर सकती हूं"
महिला चिकित्सक के शब्द सुनकर पीड़ित महिला और उसका पति दंग रह गए. और मामले की शिकायत एसडीएम गंजबासौदा से की है.
क्या कहते हैं बीएमओ
बीएमओ डॉक्टर रविंद्र चिढ़ार का कहना है कि लीना शर्मा के यहां पीड़ित महिला को दिखाया गया था. 2 से 3 महीने पुराना प्रकरण है. पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर ने प्रेगनेंट बताया था, अभी सोनोग्राफी में बच्चा नहीं होना बताया गया है, मामले में पूरी जांच की जाएगी और जरुरी कदम उठाए जाएंगे.

डॉक्टर की बड़ी लापरवाही

एक महिला के लिए ये बहुत बड़ी पीड़ा है कि उसे पहले प्रेगनेंट बताया जाए और फिर ये कह दिया जाए कि वो गर्भ से नहीं है. पीड़िता महिला अब सभी से अपनी नजरें चुराने को मजबूर है और आरोपी डॉक्टर आजाद. अब देखना होगा कि जिम्मेदार मामले में क्या कार्रवाई करते हैं

विदिशा।गंजबासौदा में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है.यहां करौंदा गांव की रहने वाली महिला को सरकारी महिला डॉक्टर ने प्रेगनेंट बता दिया और इलाज भी किया.मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला की तबीयत बिगड़ी.जिसके बाद पीड़ित महिला फिर से डॉक्टर के पास पहुंची.जिसके बाद डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी करने के लिए लिखा और जब सोनोग्राफी हुई तो पता चला कि पीड़ित महिला प्रेगनेंट ही नहीं है.मामले में पीड़ित महिला और उसके पति ने जब लापरवाही को लेकर डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ऐसे व्यवहार करने लगी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. लेकिन इस लापरवाही ने पीड़ित महिला के अरमानों का गला जरुर घोंट दिया है. परेशान महिला ने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई है.
ये है पूरा मामला
जिले के करौंदा गांव की रहने वाली पीड़ित महिला जो लगभग डेढ़ माह पहले पेट दर्द की शिकायत को लेकर अपने पति के साथ सरकारी महिला चिकित्सक लीना शर्मा के पास पहुंची। जहां महिला डॉक्टर ने पीड़ित महिला को बताया कि वह प्रेगनेंट है, उसे 3 माह का गर्भ है. महिला चिकित्सक ने उस महिला का प्रेगनेंसी का इलाज चालू कर दिया ,वहीं खबर जानने के बाद पीड़ित महिला के परिवार में खुशी का माहौल छा गया. महिला डॉक्टर द्वारा लिखी गई महंगी- महंगी दवाइयों का सेवन करती रही. लेकिन डेढ़ माह बाद पीड़ित महिला को इंटरनल ब्लीडिंग की शिकायत हुई, तो वह फिर से महिला चिकित्सक लीना शर्मा के पास पहुंची और महिला चिकित्सक को समस्या की जानकारी दी. जिस पर महिला चिकित्सक द्वारा सोनोग्राफी कराने को कहा गया, आनन-फानन में महिला अपने पति के साथ सोनोग्राफी के लिए विदिशा पहुंची लेकिन सोनोग्राफी के बाद मानो पीड़ित महिला और उसके परिवार पर गाज गिर गई. जब पता चला कि उसके पेट में किसी प्रकार का गर्भ नहीं है, यानि 3 महीने का गर्भ कहकर जिस महिला चिकित्सक ने खुशियों की बौछार कर दी थी वो एक पल में ही सिमट गईं और पूरा परिवार दुखी हो गया, मामले में पीड़ित महिला और उसके पति द्वारा महिला चिकित्सक डॉक्टर लीना शर्मा को जब अवगत कराया, तब महिला चिकित्सक ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए पीड़ित महिला से कहा कि "इसमें मैं क्या कर सकती हूं"
महिला चिकित्सक के शब्द सुनकर पीड़ित महिला और उसका पति दंग रह गए. और मामले की शिकायत एसडीएम गंजबासौदा से की है.
क्या कहते हैं बीएमओ
बीएमओ डॉक्टर रविंद्र चिढ़ार का कहना है कि लीना शर्मा के यहां पीड़ित महिला को दिखाया गया था. 2 से 3 महीने पुराना प्रकरण है. पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर ने प्रेगनेंट बताया था, अभी सोनोग्राफी में बच्चा नहीं होना बताया गया है, मामले में पूरी जांच की जाएगी और जरुरी कदम उठाए जाएंगे.

डॉक्टर की बड़ी लापरवाही

एक महिला के लिए ये बहुत बड़ी पीड़ा है कि उसे पहले प्रेगनेंट बताया जाए और फिर ये कह दिया जाए कि वो गर्भ से नहीं है. पीड़िता महिला अब सभी से अपनी नजरें चुराने को मजबूर है और आरोपी डॉक्टर आजाद. अब देखना होगा कि जिम्मेदार मामले में क्या कार्रवाई करते हैं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.