विदिशा। विदिशा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. किसानों का कहना है कि सील हुए वेयर हाउस में जो फसल बेची थी, अधिकारियों की जांच करने में किसानों की प्रत्येक बोरी में अधिक फसल पाई गई. जबकि किसानों को वो कम बताई गई थी. जिला कलेक्टर पंकज जैन से किसानों ने मांग करते हुए कहा है कि उनकी अधिक फसल का पैसा किसानों को दिया जाए.
वहीं समर्थन मूल्य पर चना बेचने के इंतजार में किसान आस लगाए बैठा है. लेकिन किसानों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले प्राकृतिक मार अब किसानों पर सिस्टम की मार पड़ रही है. केंद्रों पर अधिकांश किसानों का चना नहीं खरीदा जा रहा है. चने में मिट्टी और तेवड़ा दिखने पर फसल को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है.
जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. मिर्जापुर मंडी में आए किसान बताते हैं कि अपने गांव से 20 क्विंटल चना लेकर आए थे और चना बिल्कुल साफ था. लेकिन अधिकारियों ने तेवड़ा होना बताया और पूरे चने को रिजेक्ट कर दिया. किसान कहते हैं कि मिर्जापुर मंडी में 40 किलोमीटर दूर से इसी आस में आए कि फसल बिकेगी, 1500 रुपये का डीजल भी जला ऊपर से फसल भी रिजेक्ट कर दी गई.
वहीं अब किसानों को सस्ते दामों पर फसल बेचने को मजदूर होना पड़ रहा है. किसान मंडी के अधिकरियों पर भी मनमानी का आरोप लगाते साफ देखे जा रहे हैं. ऐसे कई ग्रामों की सोसायटी है जहां किसानों को अपनी फसल तुलवाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें इस बार ज्यादा बारिश के कारण सभी फसलों की चमक चली गई है. गेहूं की फसल में भी चमक न होने के कारण किसानों की फसल रिजेक्ट कर दी गई थी. विरोध इतना बड़ा की मुख्यमंत्री को आदेश देना पड़ा कि सभी की फसल खरीदी जाएगी. अब गेहूं के बाद किसानों को चने की फसल के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.