विदिशा। जिले में एक बार फिर किसानों को प्राकृतिक आपदा की मार का सामना कर पड़ रहा है. मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सोयाबीन की खड़ी हजारों हेक्टर फसल में इल्ली लगने से फसल पीली पढ़ गई है. जिले के किसानों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं, अब जिले भर के किसान शासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं. जब इस मामले में विदिशा डीएम को फसल खराब होने की भनक लगी तो कलेक्टर ने खुद खेतों में उतरकर फसलों का जायजा लिया है.
क्षेत्र के किसानों की खेतों में खड़ी सोयाबीन, उड़द की फसलें अचानक नष्ट हो रही हैं. प्राकृतिक बीमारियों से जूझ रही फसलों से किसानों को अब कोई आस नहीं है. किसानों का कहना है कि अब लागत निकलना तो दूर इसे कटाना भी महंगा पड़ेगा.
अब किसान मदद की उम्मीद शासन से लगा रहे हैं इससे उन्हें फसलों की क्षतिपूर्ति और फसल बीमा का लाभ मिलने से नुकसान की भरपाई हो सके. किसान अब प्रशासन से फसलों का सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं.
पिछले दो तीन दिन से फसल खराब होने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. वर्धा, जटपुरा, बीलखेड़ी, डंगरवाड़ा, सकतपुर, मोही, भियाखेड़ी, आदि गांव के किसान हाथों में सोयाबीन, उड़द की फसल को लेकर सैकड़ों किसान खेतों से निकलकर सड़क पर आ खड़े हुए.
किसानों का कहना है फलियां नहीं लग रहीं, इल्ली, पीला मोजेक से फसलें खराब हो गईं, खड़ी फसलों में मवेशियों को खिला रहे हैं. वहीं कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी जो मदद हो सकती है किसानों को दिलवाई जाएगी.