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लापरवाही: बंद मीटर का बिल पहुंचा उपभोक्ता के घर, 2008 में भुगतान कर कटवा चुके थे कनेक्शन

जिले के गंजबासौदा के रहने वाले अमर सिंह पिछले कुछ दिनों से बिल विभाग के चक्कर काट रहे हैं. पीड़ित ने बताया कि उसने 2008 में अपना पूरा बिल भरा था और कनेक्शन भी कटवा दिया था, फिर भी बिजली विभाग ने उसके पास 2,198 का बिल भेज दिया है. जो आर्थिक संकट के दौरान आफत से कम नहीं.

बंद मीटर का बिल पहुंचा उपभोक्ता के घर
बंद मीटर का बिल पहुंचा उपभोक्ता के घर
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Published : Jun 10, 2021, 4:00 PM IST

विदिशा। जिले के गंजबासौदा के रहने वाले अमर सिंह बिल निराकरण कराने के लिए पिछले कई दिनों से परेशान हैं. अमर सिंह ने 2008 में अपना एक मकान बेचा था. अमर ने मकान का पूरा बिल भरकर लाइट कनेक्शन कटवाया था. इसके लिए पीड़ित ने आवेदन भी दिया था. आवेदन की रशीद भी ली, लेकिन विद्युत विभाग ने एक बार फिर पीड़ित के हाथ में 2,198 रुपए के बिजली का बिल थमा दिया है.

पीड़ित ने बताया कि उसने 2008 में पूरे बिल का भुगतान किया था. भुगतान के दस्तावेज भी उसके पास हैं. लेकिन एक बार फिर बिजली विभाग ने उन्हें बिना बताए 2,198 रुपए का बिजली का बिल भेज दिया है. वह पेशे से ऑटो रिक्शा चलाता है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से उसका काम धंधा बंद पड़ा है, जिसके कारण उसे आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. ऊपर से इस बिल का आ जाना गरीबी में गीले आटे से कम नहीं

बंद मीटर का बिल पहुंचा उपभोक्ता के घर

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वहीं विद्युत विभाग के अधिकारी AE केएस दोहरे से बात की तो उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. मामले की जांच की जाएगी. इसके बाद ही कुछ बता पाएंगे कि किसकी लापरवाही है. उन्होने साथ ही कहा कि हो सकता है कि सिस्टम में प्रॉब्लम हो, जो बिल आया है उस समय जो भी मीटर रीडर रहा होगा. वह सपोर्ट ढूंढ रहा होगा, जो नहीं मिला होगा.तो बिल जनरेट हो गया होगा, फिर भी मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

विदिशा। जिले के गंजबासौदा के रहने वाले अमर सिंह बिल निराकरण कराने के लिए पिछले कई दिनों से परेशान हैं. अमर सिंह ने 2008 में अपना एक मकान बेचा था. अमर ने मकान का पूरा बिल भरकर लाइट कनेक्शन कटवाया था. इसके लिए पीड़ित ने आवेदन भी दिया था. आवेदन की रशीद भी ली, लेकिन विद्युत विभाग ने एक बार फिर पीड़ित के हाथ में 2,198 रुपए के बिजली का बिल थमा दिया है.

पीड़ित ने बताया कि उसने 2008 में पूरे बिल का भुगतान किया था. भुगतान के दस्तावेज भी उसके पास हैं. लेकिन एक बार फिर बिजली विभाग ने उन्हें बिना बताए 2,198 रुपए का बिजली का बिल भेज दिया है. वह पेशे से ऑटो रिक्शा चलाता है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से उसका काम धंधा बंद पड़ा है, जिसके कारण उसे आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. ऊपर से इस बिल का आ जाना गरीबी में गीले आटे से कम नहीं

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