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चुनाव ड्यूटी में लगे चालक और क्लीनर नहीं डाल पाए वोट, जानें क्या है मामला - SDM

चुनाव में ड्यूटी कर रहे बस चलाक और क्लिनर हर बार की तरह इस बार भी वोट डालने से चूक गए. चालक और क्लीनर का कहना है कि जिला प्रशासन को वोटिंग के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.

ganjbasoda vidhisa
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Published : May 12, 2019, 9:04 PM IST

Updated : May 29, 2019, 3:52 PM IST

विदिशा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव में सौ फीसदी मतदान के लिए कई जागरुक कार्यक्रम चलाए गए है. लेकिन इसके उलट गंजबासौदा में चुनाव आयोग द्वारा अधिग्रहण किये गए वाहनों चालक और क्लीनर ने मतदान नहीं कर पाए.

बस चालक ने कहा कि हमारी चुनाव में ड्यूटी लगी है कि जबकि हमारा वोट गांव में डलता है इसलिए हम लोग वोट नहीं कर पाएं. प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि हम भी वोट डाल सकें.

एसडीएम प्रकाश नायक से जब मामले पर बात की गई तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

विदिशा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव में सौ फीसदी मतदान के लिए कई जागरुक कार्यक्रम चलाए गए है. लेकिन इसके उलट गंजबासौदा में चुनाव आयोग द्वारा अधिग्रहण किये गए वाहनों चालक और क्लीनर ने मतदान नहीं कर पाए.

बस चालक ने कहा कि हमारी चुनाव में ड्यूटी लगी है कि जबकि हमारा वोट गांव में डलता है इसलिए हम लोग वोट नहीं कर पाएं. प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि हम भी वोट डाल सकें.

एसडीएम प्रकाश नायक से जब मामले पर बात की गई तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

Intro:दीया ताले अंधेरा।
एंकर - इलेक्शन कमिशन के द्वारा देश में 100 परसेंट वोटिंग को लेकर तमाम प्रकार के विज्ञापन और अलग अलग तरीकों से मतदाताओं को लुभाने के लिए कार्य किए जाते हैं Body:दीया तले अंधेरा जी हां यह कहावत कहीं ना कहीं चरितार्थ होती हुई नजर आती है जहां एक और देश में 100 परसेंट वोटिंग कराने के लिए शासन प्रशासन अपनी कमर कैसे रहता है कर्मचारी मतदान दल के रूप में लेकिन प्रशासन उन लोगों को भूल जाता है जो मतदान दल को लेकर मतदान स्थल तक पहुंचते हैं और वापस लाते हैं जहां मतदान कराने के लिए कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है चुनाव आयोग के द्वारा अधिग्रहण प्राइवेट गाड़ियों के ड्राईवर। चुनाव आयोग यह क्यों भूल जाता है कि इन गाड़ियों को चलाने वाले ड्राइवर और क्लींजर भी कहीं ना कहीं इसी देश के रहवासी हैं और वह भी अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन प्राइवेट ड्राइवर और क्लींजर को वोट डालने के लिए किसी भी प्रकार की अलग से व्यवस्था नही की जाती जिसे यह लोग मतदान करने से अछूते रह जाते हैं।Conclusion:गंजबासौदा में अधिग्रहण की गई बसों के ऐसे सैकड़ों ड्राइवर बा क्लींजर है जिन्होंने अपने मत का उपयोग नहीं कर पाया जिसका अफसोस उनके चेहरे से साफ झलक रहा था etv भारत ने जब इन सभी बस ड्राइवरों से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसी कोई व्यवस्था की गई जिससे वह मत कर सके या मत का उपयोग बाद में कर सकें
वही जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस बात की चर्चा की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमने अधिग्रहण की गई बसों के ड्राइवर और क्लीनर के बाद में मतदान करने की व्यवस्था की गई है ।
वाइट - ड्राइवर्स ।
वाइट - प्रकाश नायक (एसडीएम)
Last Updated : May 29, 2019, 3:52 PM IST
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