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गंदगी की चपेट में उदयगिरी की गुफाएं, नींद में सो रहा स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग

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Published : Jun 25, 2019, 3:27 PM IST

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है. विदेशी पर्यटक इस ही गंदगी की तस्वीरें खींचकर ले जाते हैं. इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान और न ही पुरातत्व विभाग ध्यान दे रहा है.

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी

विदिशा। भारतीय पुरातत्व विभाग पर्यटकों को लुभाने के लिए अरबों रुपये खर्च करता है, इसके बावजूद पुरानी संपदाएं गंदगी की चपेट में हैं. यहां आने वाले पर्यटक भारत की गंदगी भरी छवि लेकर लौटते हैं. 2500 साल पुरानी विदिशा की उदयगिरी की गुफाएं पहले चैत्यगिरी के नाम से जानी जाती थीं, उसका भी यही हाल है. मौजूदा वक्त में यहां जो विदेशी सैलानी आते हैं वो पुरानी संपदाओं के साथ गंदगी की छवि लेकर यहां से लौटते हैं.

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है. या यूं कह सकते हैं कि पहाड़ी गंदगी की चपेट में पूरी तरह से है. उदयगिरी की पहाड़ी ग्राम उदय गिरी में आती है. पूरे ग्राम के अलावा शहर के आसपास का कचरा यहां डंप किया जाता है. इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान जा रहा है न ही पुरातत्व विभाग का.

घूमने आए पर्यटक भी मानते हैं कि भोपाल से लेकर विदिशा तक के रास्ते में बहुत गंदगी है. उदयगिरी के पास गंदगी ही गंदगी दिखती है. स्थानीय निवासी पन्ना लाल कहते हैं कि कई सालों से यहां गंदगी का अम्बार लगा हुआ है. विदेशी पर्यटक इस ही गंदगी की तस्वीरें खींचकर ले जाते हैं. जब विदिशा एसडीएम से इस बारे में पूछा गया, तो वह गंदगी का ठीकरा पुरातत्व विभाग पर फोड़ते नजर आए.

विदिशा। भारतीय पुरातत्व विभाग पर्यटकों को लुभाने के लिए अरबों रुपये खर्च करता है, इसके बावजूद पुरानी संपदाएं गंदगी की चपेट में हैं. यहां आने वाले पर्यटक भारत की गंदगी भरी छवि लेकर लौटते हैं. 2500 साल पुरानी विदिशा की उदयगिरी की गुफाएं पहले चैत्यगिरी के नाम से जानी जाती थीं, उसका भी यही हाल है. मौजूदा वक्त में यहां जो विदेशी सैलानी आते हैं वो पुरानी संपदाओं के साथ गंदगी की छवि लेकर यहां से लौटते हैं.

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी

उदयगिरी की पहाड़ियों के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है. या यूं कह सकते हैं कि पहाड़ी गंदगी की चपेट में पूरी तरह से है. उदयगिरी की पहाड़ी ग्राम उदय गिरी में आती है. पूरे ग्राम के अलावा शहर के आसपास का कचरा यहां डंप किया जाता है. इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान जा रहा है न ही पुरातत्व विभाग का.

घूमने आए पर्यटक भी मानते हैं कि भोपाल से लेकर विदिशा तक के रास्ते में बहुत गंदगी है. उदयगिरी के पास गंदगी ही गंदगी दिखती है. स्थानीय निवासी पन्ना लाल कहते हैं कि कई सालों से यहां गंदगी का अम्बार लगा हुआ है. विदेशी पर्यटक इस ही गंदगी की तस्वीरें खींचकर ले जाते हैं. जब विदिशा एसडीएम से इस बारे में पूछा गया, तो वह गंदगी का ठीकरा पुरातत्व विभाग पर फोड़ते नजर आए.

Intro:भारतीय पुरातत्व विभाग भले हो पर्यटकों को लुभाने के लिए अरबो रुपये खर्च कर अनेको जतन कर रही हो पर आज भी कई पुरासम्पदा गंदगी की चपेट में है यहां आने वाला पर्यटक भारत की गंदगी भरी छवि लेकर यहां से लौटता है ।




Body:2500 साल पुरानी विदिशा की उदयगिरि की गुफाएं जो पहले चैत्य गिरी के नाम से जानी जाती थी यहां आज भी देश के साँथ कई विदेशी सैलानी आते है पर यहां आकर पुरासम्पदाओं के साँथ गंदगी की छवि लेकर अपने देश लौटते है उदयगिरि के चारो तरफ गंदगी का अम्बार लगा है या हम यूं कह सकते है पहाड़ी गंदगी की चपेट में पूरी तरह से है उदयगिरि की पहाड़ी ग्राम उदय गिरी में आती है पूरे ग्राम के साँथ शहर के आसपास का कचरा भी यहां डाला जाता है इस ओर न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान जा रहा है न ही पुरातत्व विभाग का




Conclusion:घूमने आए पर्यटक भी मानते है भौपाल से लेकर विदिशा तक के रास्ते मे बहुत गंदगी है उदयगिरि के पास गंदगी का आलम है वहीं स्थानीय निवासी पन्ना लाल कहते है कई सालों से यहां गंदगी का अम्बार लगा हुया है विदेशी पर्यटक इस ही गंदगी की तसबीरे खिंच कर लेकर जाते हैं ।

विदिशा sdm से जब इस गंदगी के बारे में पूछा गया तो वो गंदगी का ठीकरा पुरातत्व विभाग पर फोड़ते नज़र आये
बाइट योगेंद्र सरल sdm
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