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100 साल पूरे होने पर उदयगिरि पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मांग - इतिहासकार गोविंद देवलिया

विदिशा जिले में उदयगिरि की गुफाओं की खोज को 100 साल पूरे होने पर इतिहासकारों और समाजसेवियों ने पर्यटन स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाने की मांग की है.

Demand for cultural programs on Udayagiri on completion of 100 years
100 साल पूरे होने पर उदयगिरि पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मांग
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Published : Jan 3, 2021, 12:56 PM IST

विदिशा। जिले में उदयगिरि की गुफाओं की खोज हुए 100 साल पूरे होने पर इतिहासकारों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है. इनकी मांग है कि जिस तरह अन्य पर्यटन स्थलों पर अनेक कार्यक्रम होते हैं. उसी तरह उदयगिरि में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को हमारी देश की धरोहरों और हमारी संस्कृति के बारे में जान सकें.

विश्वविख्यात उदयगिरी गुफाओं की खोज और उनके रखरखाव को 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शहर के इतिहासविदों, बुद्धिजीवियों एवं समाजसेवियों ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है. सांची की तरह उदयगिरी में भी एक भव्य समारोह आयोजित करने की मांग की है. इससे यहां की पुरा विरासत को जन-जन तक पहुंचाने में आसानी होगी.

उदयगिरि की गुफा की हुई थी खोज

इतिहासकार गोविंद देवलिया बताते हैं कि वर्ष 1921 में ग्वालियर स्टेट पुरातत्व विभाग के अधीक्षक एमबी गर्दे द्वारा आरंभ किया गया था. उदयगिरि पहाड़ी के निकट सूचना पटल पर भी उक्त जानकारी अंकित है. इस कार्य को लगभग 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं. उदयगिरि की पुरा विरासत अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें हिंदू एवं जैन धर्म की प्रस्तर प्रतिमाएं अंकित एवं विराजित है. लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में विश्व के पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सकी हैं. विदिशा के समीप स्थित प्रसिद्ध सांची के बौद्ध स्तूप की खोज के 200 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार द्वारा एक भव्य आयोजन किया गया था. साथ ही 200 रुपए के नोट पर भी सांची के चित्र अंकित किए गए हैं.

केंद्रीय पर्यटन मंत्री को भेजा ज्ञापन

सांची की तरह उदयगिरि की गुफाओं की खोज के 100 वर्ष पूरे होने पर विदिशा में भी वर्ष 2021 में उदयगिरि, विजयमंदिर एवं हेलियोडोरस परिसर में साहित्यिक, सांस्कृतिक, नृत्य-संगीत के आयोजन किए जाने के लिए विदिशा के प्रबुद्ध नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के नाम प्रेषित किया है.

विदिशा। जिले में उदयगिरि की गुफाओं की खोज हुए 100 साल पूरे होने पर इतिहासकारों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है. इनकी मांग है कि जिस तरह अन्य पर्यटन स्थलों पर अनेक कार्यक्रम होते हैं. उसी तरह उदयगिरि में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को हमारी देश की धरोहरों और हमारी संस्कृति के बारे में जान सकें.

विश्वविख्यात उदयगिरी गुफाओं की खोज और उनके रखरखाव को 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शहर के इतिहासविदों, बुद्धिजीवियों एवं समाजसेवियों ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है. सांची की तरह उदयगिरी में भी एक भव्य समारोह आयोजित करने की मांग की है. इससे यहां की पुरा विरासत को जन-जन तक पहुंचाने में आसानी होगी.

उदयगिरि की गुफा की हुई थी खोज

इतिहासकार गोविंद देवलिया बताते हैं कि वर्ष 1921 में ग्वालियर स्टेट पुरातत्व विभाग के अधीक्षक एमबी गर्दे द्वारा आरंभ किया गया था. उदयगिरि पहाड़ी के निकट सूचना पटल पर भी उक्त जानकारी अंकित है. इस कार्य को लगभग 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं. उदयगिरि की पुरा विरासत अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें हिंदू एवं जैन धर्म की प्रस्तर प्रतिमाएं अंकित एवं विराजित है. लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में विश्व के पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सकी हैं. विदिशा के समीप स्थित प्रसिद्ध सांची के बौद्ध स्तूप की खोज के 200 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार द्वारा एक भव्य आयोजन किया गया था. साथ ही 200 रुपए के नोट पर भी सांची के चित्र अंकित किए गए हैं.

केंद्रीय पर्यटन मंत्री को भेजा ज्ञापन

सांची की तरह उदयगिरि की गुफाओं की खोज के 100 वर्ष पूरे होने पर विदिशा में भी वर्ष 2021 में उदयगिरि, विजयमंदिर एवं हेलियोडोरस परिसर में साहित्यिक, सांस्कृतिक, नृत्य-संगीत के आयोजन किए जाने के लिए विदिशा के प्रबुद्ध नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के नाम प्रेषित किया है.

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