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फसल की बोवनी पर मंडरा रहा पानी का संकट, बिजली की भी कमी

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Published : Nov 20, 2020, 1:51 PM IST

विदिशा जिले में पानी की कमी के चलते कई क्षेत्रों में किसानों की बोवनी नहीं हुई है. इतना ही नहीं क्षेत्रों में नहर होने के बावजूद भी वहां पानी नहीं पहुंचने से किसानों की बोनी पिछड़ गई है.

Vidisha
किसान बोवनी में पीछे

विदिशा। जिले के कई गांवों में अभी बोनी शुरू नहीं हो सकी है. ज्यादातर गांव में सिंचाई चल रही है, वहीं नहर वाले क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचने से बोनी पिछड़ गई है. वहीं कृषि विभाग ने मान लिया है कि जिले में 75 फ़ीसदी खेतों में बोवनी हो चुकी है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है ज्यादातर किसान बोनी कर चुके हैं. कुछ क्षेत्रों में बोवनी होना अभी बाकी है. कृषि विभाग के इस दावे से किसान हैरान हैं, किसानों का कहना है बोवनी तो दूर की बात है अभी तो खेतों में पलेवा भी नहीं हुआ है.

कृषि विभाग की माने तो इस बार रबी की बोवनी का लक्ष्य 53 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का रखा गया है, जिले में अब तक 75 फ़ीसदी क्षेत्र में दोगुनी हो चुकी है. इस हिसाब से जिले में करीब 3 लाख 97 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हो चुकी है, वैसे रवि की फसल में बोनी 30 नवंबर तक हो जानी चाहिए, लेकिन 15 दिसंबर तक वह भी चलती रहती है कुछ किसान इससे ज्यादा भी लेट हो जाते हैं.

संजय सागर बांध की नहर 30 अक्टूबर से शुरू हुई है. लेकिन कई जगह खेतों पर पानी 2 दिन पहले तक नहीं पहुंच पाया था, इन नहरों में 13 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में वह भी होती है. अधिकारी इन नहरों का पहले भी जायजा ले चुके हैं अब खेतों तक पानी पहुंच रहा है और किसान अपने खेतों में काम शुरू कर रहे है.

अगर गौर किया जाए तो नटेरन और शमशाबाद के आस-पास के गांव में 25 फीसदी गांव में फसल का कार्य शुरू नहीं हो पाया. गांव के किसान बताते हैं नहर में पानी बहुत कम है इस वजह से वह बोनी पिछड़ रही है. 25 फीसदी बोनी गांव में हो पाई है यही हाल जिले के अन्य गांव का भी है.

पानी के साथ बिजली का संकट

किसानों को पानी का संकट ही नहीं बल्कि बिजली का संकट भी उनके सर पर मंडरा रहा है. किसान बताते हैं बिजली कंपनी 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. लेकिन गांव में सिर्फ 6 घंटे की बिजली सप्लाई हो रही है. उसमें भी 12-13 बार बिजली गुल हो जाती है, इस वजह से पलेवा नहीं हो पा रहा है. हलाली कमांड एरिया के कई गांव में शाम को हुई बारिश से बोवनी रुक गई है, करारिया के क्षेत्र में मुश्किल से 25 फ़ीसदी बोवनी हो पाई है.

विदिशा। जिले के कई गांवों में अभी बोनी शुरू नहीं हो सकी है. ज्यादातर गांव में सिंचाई चल रही है, वहीं नहर वाले क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचने से बोनी पिछड़ गई है. वहीं कृषि विभाग ने मान लिया है कि जिले में 75 फ़ीसदी खेतों में बोवनी हो चुकी है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है ज्यादातर किसान बोनी कर चुके हैं. कुछ क्षेत्रों में बोवनी होना अभी बाकी है. कृषि विभाग के इस दावे से किसान हैरान हैं, किसानों का कहना है बोवनी तो दूर की बात है अभी तो खेतों में पलेवा भी नहीं हुआ है.

कृषि विभाग की माने तो इस बार रबी की बोवनी का लक्ष्य 53 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का रखा गया है, जिले में अब तक 75 फ़ीसदी क्षेत्र में दोगुनी हो चुकी है. इस हिसाब से जिले में करीब 3 लाख 97 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हो चुकी है, वैसे रवि की फसल में बोनी 30 नवंबर तक हो जानी चाहिए, लेकिन 15 दिसंबर तक वह भी चलती रहती है कुछ किसान इससे ज्यादा भी लेट हो जाते हैं.

संजय सागर बांध की नहर 30 अक्टूबर से शुरू हुई है. लेकिन कई जगह खेतों पर पानी 2 दिन पहले तक नहीं पहुंच पाया था, इन नहरों में 13 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में वह भी होती है. अधिकारी इन नहरों का पहले भी जायजा ले चुके हैं अब खेतों तक पानी पहुंच रहा है और किसान अपने खेतों में काम शुरू कर रहे है.

अगर गौर किया जाए तो नटेरन और शमशाबाद के आस-पास के गांव में 25 फीसदी गांव में फसल का कार्य शुरू नहीं हो पाया. गांव के किसान बताते हैं नहर में पानी बहुत कम है इस वजह से वह बोनी पिछड़ रही है. 25 फीसदी बोनी गांव में हो पाई है यही हाल जिले के अन्य गांव का भी है.

पानी के साथ बिजली का संकट

किसानों को पानी का संकट ही नहीं बल्कि बिजली का संकट भी उनके सर पर मंडरा रहा है. किसान बताते हैं बिजली कंपनी 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. लेकिन गांव में सिर्फ 6 घंटे की बिजली सप्लाई हो रही है. उसमें भी 12-13 बार बिजली गुल हो जाती है, इस वजह से पलेवा नहीं हो पा रहा है. हलाली कमांड एरिया के कई गांव में शाम को हुई बारिश से बोवनी रुक गई है, करारिया के क्षेत्र में मुश्किल से 25 फ़ीसदी बोवनी हो पाई है.

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