विदिशा। शहर का श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जगदीश धाम नंदवाना आज भी दिव्य ऊर्जा से श्रद्धालुओ के आकर्षण का केंद्र है. जगन्नाथ जी की रथ यात्रा वाले दिन यहां पूरा शहर दर्शन करने आता है. भगवान जगन्नाथ स्वयं रथ पर सवार होकर पूरे शहर का भ्रमण करने जाते है. यहां वर्षभर धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. यहां पर स्थित मंदिरों की भव्यता और दिव्यता के कारण और वर्ष भर यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और आयोजनों से यह क्षेत्र बृज भूमि सा लगता है.
ठाकुर जी के रूप में दर्शन : इस मंदिर से थोड़ी दूर चलने पर पतली सी गलियों में श्री जी का मंदिर है. यहां श्री कृष्ण भगवान की श्री नाथ जी के स्वरूप में पूजन किया जाता है. यहां द्वारकाधीश जी ठाकुरजी के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. मंदिर के मुखिया मनमोहन शर्मा बताते हैं कि श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान सबकी प्रार्थना सुनते हैं. सभी की मनोकामना पूरी करते हैं. मंदिर से आगे जाने पर वृंदावन गली मार्ग में बड़े बालाजी का मंदिर है. मुख्य द्वार के सामने बाल रूप में हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा है और बगल में बालाजी की प्रतिमा है.
बालाजी भी विष्णुजी का स्वरूप : बालाजी भी श्रीकृष्ण की तरह विष्णुजी का स्वरूप हैं. इस मंदिर से थोड़ा यानी मंदिर के पीछे वृंदावन गली है, जहां राधाजी का भव्य एवं अति प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के पट सिर्फ राधा अष्टमी को खुलते हैं. उस दिन सारा शहर राधाजी और उनकी सखियों के दर्शनों के लिए उमड़ता है. प्रदेश के बड़े नेता भी यहां आते हैं. यहां वर्षभर गुप्त पूजा होती है. Brij Dham in Vidisha, 300 years old temple, Streets of Vrindavan in Vidisha