विदिशा। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक जितेंद्र राठौर पर पैसे हड़पने का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत सरपंच ने शिकायतकर्ता महिला के साथ जिला पंचायत सीईओ से की है.
दरअसल शिकायतकर्ता को बेटी की शादी में शासन से 25 हजार रुपए मिलने थे, लेकिन हितग्राही को 15 हजार रुपए ही मिल सके और 10 हजार रुपए अधिकारियों के बंदरबांट के नाम से रोजगार सहायक ने ले लिए. बता दें कि प्रशासन की ओर से बेटियों के विवाह के लिए 25 हजार रुपए सीधे हितग्राही के खाते में डाली जाती हैं.
इस मामले में जिला पंचायत अधिकारी मयंक अग्रवाल का कहना है कि ये पैसा शासन हितग्राही के खाते में डालते हैं. हमने जांच के आदेश दिए हैं ,अगर रोजगार सहायक पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी.
रोजगार सहायक पर हितग्राही के पैसे हड़पने का आरोप, जिला पंचायत अधिकारी ने दिए जांच के आदेश - विदिशा
ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक जितेंद्र राठौर पर पैसे हड़पने का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत सरपंच ने शिकायतकर्ता महिला के साथ जिला पंचायत सीईओ से की है.
![रोजगार सहायक पर हितग्राही के पैसे हड़पने का आरोप, जिला पंचायत अधिकारी ने दिए जांच के आदेश beneficiaries-not-getting-the-benefits-of-government-schemes](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5297648-thumbnail-3x2-vid.jpg?imwidth=3840)
विदिशा। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक जितेंद्र राठौर पर पैसे हड़पने का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत सरपंच ने शिकायतकर्ता महिला के साथ जिला पंचायत सीईओ से की है.
दरअसल शिकायतकर्ता को बेटी की शादी में शासन से 25 हजार रुपए मिलने थे, लेकिन हितग्राही को 15 हजार रुपए ही मिल सके और 10 हजार रुपए अधिकारियों के बंदरबांट के नाम से रोजगार सहायक ने ले लिए. बता दें कि प्रशासन की ओर से बेटियों के विवाह के लिए 25 हजार रुपए सीधे हितग्राही के खाते में डाली जाती हैं.
इस मामले में जिला पंचायत अधिकारी मयंक अग्रवाल का कहना है कि ये पैसा शासन हितग्राही के खाते में डालते हैं. हमने जांच के आदेश दिए हैं ,अगर रोजगार सहायक पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी.
ग्राम पंचायत से राशि सरपंच राम श्री भाई ने अपने घर में रहने वाली महिला शीला भाई के साथ जिला पंचायत सीईओ शिकायत करने पहुंची महिला ने आरोप लगाते हुए कहा उसी की पंचायत में काम कर रहे रोजगार सहायक जितेंद्र राठौर ने बेटी की शादी मैं शासन से 25000 रुपए मिलना थे जबकि हितग्राही को 15000 ही रुपए मिल सके ₹10000 अधिकारियों के बंदरबांट के नाम से रोजगार सहायक ने ले लिए
Body:शासन से ग्राम की बेटियों के लिए विवाह के लिए ₹25000 की राशि शादी के लिए सीधे खाते में डाली जाती है पर इस राशि का कैसे बंदरबांट किया जाता है इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम सियासी है यहां कैसे गरीबों की राशि का अधिकारियों के नाम पर बंदरबांट किया जाता है
ग्राम की महिला शीला बाई बताती हैं बेटी की शादी के लिए शासन की तरफ से ₹25000 खाते में आए रोजगार सहायक ने अधिकारियों को देने के नाम पर उनसे ₹10000 वापस ले लिए उनके हाथ केवल ₹15000 ही लगे कई बार ग्राम पंचायत में शिकायत की आज तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी इस कारण जिला पंचायत अधिकारी से शिकायत करने को मजबूर होना पड़ा
बाइट शीला भाई ग्राम बासी
Conclusion:वही शिकायतकर्ता के साथ ग्राम की महिला सरपंच राम श्री बाई ने अधिकारी को रोजगार सहायक की करतूतों से अवगत कराया राम श्री बाई कहती हैं कि पहला मामला नहीं है जब रोजगार सहायक ने इस तरह के गबन किए हैं लगातार हितग्राहियों का पैसा अधिकारियों के नाम वसूला जा रहा है
बाइट रामश्री बाई
वहीं इस पूरे मामले जिला पंचायत अधिकारी मयंक अग्रवाल पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा यह पैसा शासन द्वारा हितग्राही के खाते में आता है हमने जांच के आदेश दिए हैं रोजगार सहायक द्वारा सही पाया जाता है तो हम रोजगार पाया पर f.i.r. कराएंगे
बाइट मयंक अग्रवाल जिला पंचायत सीईओ