विदिशा। विदिशा के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में कोविड 19 महामारी के चलते 145 नर्सों को अस्थाई नियुक्ति दी गई थी, लेकिन दिसंबर माह के अंत में 95 नर्सों को हटा दिया गया. 48 नर्सों को पुनः नियुक्ति पर नर्सो ने हंगामा खड़ा कर दिया. प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, साथ ही वहां पदस्थ एक डॉक्टर के साथ भी अभद्रता की. नर्सो ने मेडिकल कॉलेज पर कई सवाल खड़े किए है.
डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
नर्सों का कहना है कि हमारे साथ ज्यादती की जा रही है. डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए नर्सों ने कहा कि 145 नर्सों में 48 उन नर्सों को फिर से रख लिया जो इनकी जी हजूरी करती हैं. बाकी 95 नर्सों को हटा दिया गया है. यहां का प्रबंधन हमारे साथ अभद्रता करता है. हमने अपनी जीवन की परवाह न करते हुए यहां अपनी सेवाएं दी हैं. कोविड-19 में हर स्तर पर सहयोग किया है. एक समय जहां हम पर फूल बरसाए गए थे. वहीं आज हम पर डंडे बरसाए जा रहे हैं. हमारी मांग है कि हमें पुनः नियुक्ति दी जाए. नहीं तो हमारे साथ अन्य नर्सों की नियुक्ति भी कैंसिल की जाए.
'पहले बेटी पढ़ाओ फिर उन्हें बेरोजगार कर दो'
नर्सो ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा सरकार 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' का नारा देती है. अगर बेटी पढ़ लिखकर रोजगार करती तो फिर उसे बेरोजगार कर दिया जाता है. फिर ऐसे नारे का क्या काम है.
डॉक्टर ने आरोपो को बताया निराधार
मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर गौर ने अपने ऊपर लगे अभद्रता के आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी नर्स को नहीं हटाया गया है ये फैसला शासन स्तर पर लिया गया है.
मेरिट बेस पर नर्सों की हुई नियुक्ति
वहीं कॉलेज के डीन का कहना है कि मेरिट बेस पर 48 नर्सों को अपने नियुक्ति दी गई है. शेष को हटाया गया है. 31 दिसंबर तक कुल सेवाकाल था. आदेश में साफ-साफ लिखा था कि आपकी सेवाएं 31 दिसंबर तक है. पहले हमसे कहा गया था कि शासन की डिमांड पर नियुक्ति की गई थी. अगर किसी भी नर्स को सुपर सीट किया गया है तो हमें बताया जाए हम उन पर कार्रवाई करेंगे.