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पति के तानों से छोड़ा घर, चली गई याददाश्त, 8 साल बाद वापस लौटी, बच्चों को गले लगा खूब रोई मां - hindi news

एक महिला दिमागी संतुलन ठीक नहीं होने के कारण आठ साल पहले अपना घर छोड़कर ट्रेन के जरिए केरला पहुंच गई. जहां उसे ट्र्स्ट के लोगों ने अपने यहां रहा और उसका इलाज किया. जब महिला का दिमागी संतुलन ठीक हो गया तो उसने अपने घर के बारे में बताया. फिलहाल, ट्रस्ट के लोगों ने महिला को उसके परिजनों से मिलवा दिया है.

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विदिशा समाचार
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Published : Aug 20, 2021, 12:36 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 12:57 PM IST

विदिशा। कुरवाई थाना (Police Station Kurwai) क्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा की महिला पूजा आदिवासी 8 साल पहले भोपाल से लापता हो गई थी. जिसे बृहस्पतिवार को दिव्या करुणनिया चैरिटेबल ट्रस्ट केरला की दो महिलाएं रेलवे चाइल्ड लाइन भोपाल लेकर पहुंची. भोपाल से लायरा चौकी लेकर पहुंची ट्रस्ट की महिलाओं ने बताया कि 8 साल पहले यह महिला केरला पुलिस को एर्नाकुलम स्टेशन (Ernakulam station) पर मिली थी, जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. पुलिस ने उस महिला को ट्रस्ट के हवाले कर दिया था.

पिछले आठ साल से ट्रस्ट में थी महिला
दरअसल, महिला पिछले 8 साल से ट्रस्ट में रह रही थी, जिसका ट्रस्ट द्वारा इलाज कराया गया. जब महिला की याददाश्त वापस आई तो, उसने खुद की पहचान बताई और मध्य प्रदेश के विदिसा जिले की कुरवाई तहसील स्थित लायरा के बरखेड़ा ग्राम की निवासी बताया. ट्र्स्ट को लोग महिला को लेकर उसके घर पहुंचे, जहां महिला को देखते ही उसके परिजनों ने उसे पहचान लिया. ट्रस्ट की महिलाओं ने पुलिस के सामने आदिवासी महिला को परिजनों के हवाले कर दिया.

महिला ने सुनाया दुख
जब महिला से उसका नाम पूछा गया तो उसने बताया कि उसका नाम पूजा है. उसने बताया कि जब वो घर से गई थी, तब बच्चे बहुत छोटे-छोटे थे. जब महिला से पूछा गया कि तुम घर छोड़कर क्यों चली गई, तो उसने बताया कि मेरा पति मुझे रोज ताने देता था. कहता था कि मेरी छाती पर रह रही है. महिला रोज-रोज के ताने से परेशान होकर घर छोड़कर चली गई. जब महिला से पूछा कि अपने परिवार में किसी को पहचान गई हो, तो उसने कहा कि कोई सामने आएगा तो पहचान लूंगी, हालांकि महिला ने मौके पर मौजूद अपनी देवरानी को पहचान लिया.

Human Trafficking: नाबालिग को तीन बार बेचा! एक महिला सहित पांच गिरफ्तार


बरखेड़ा गांव की आदिवासी पूजा 2013 में चली गई थी. उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं था. भोपाल में मजदूरी करते-करते ट्रेन में बैठकर केरला पहुंच गई, जहां केरला पुलिस ने महिला को ट्रस्ट के हवाले कर दिया. ट्रस्ट के लोगों ने महिला को रखा और उसका इलाज किया. जब महिला का दिमागी संतुलन ठीक हो गया तो उसके बताए पते पर वह उसे छोड़ने आए हैं. फिलहाल, महिला को उसके परिवार और बच्चों से मिलवा दिया है- सब इंस्पेक्टर जमील काजी

ट्रस्ट ने अब तक 2950 लोगों को मिलवाया
दिव्या करुणनिया चैरिटेबल ट्रस्ट की सदस्य एलिजावत्स ने बताया कि उनके द्वारा मध्य प्रदेश के आठ साथियों को लाया गया था. सब साथियों को उनके क्षेत्रीय थाने में परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. ट्रस्ट की सदस्य ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 2950 लोगों को अब तक उनके परिजनों से मिलवाया जा चुका है. ये संस्था पूरे देश में काम करती है.

विदिशा। कुरवाई थाना (Police Station Kurwai) क्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा की महिला पूजा आदिवासी 8 साल पहले भोपाल से लापता हो गई थी. जिसे बृहस्पतिवार को दिव्या करुणनिया चैरिटेबल ट्रस्ट केरला की दो महिलाएं रेलवे चाइल्ड लाइन भोपाल लेकर पहुंची. भोपाल से लायरा चौकी लेकर पहुंची ट्रस्ट की महिलाओं ने बताया कि 8 साल पहले यह महिला केरला पुलिस को एर्नाकुलम स्टेशन (Ernakulam station) पर मिली थी, जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. पुलिस ने उस महिला को ट्रस्ट के हवाले कर दिया था.

पिछले आठ साल से ट्रस्ट में थी महिला
दरअसल, महिला पिछले 8 साल से ट्रस्ट में रह रही थी, जिसका ट्रस्ट द्वारा इलाज कराया गया. जब महिला की याददाश्त वापस आई तो, उसने खुद की पहचान बताई और मध्य प्रदेश के विदिसा जिले की कुरवाई तहसील स्थित लायरा के बरखेड़ा ग्राम की निवासी बताया. ट्र्स्ट को लोग महिला को लेकर उसके घर पहुंचे, जहां महिला को देखते ही उसके परिजनों ने उसे पहचान लिया. ट्रस्ट की महिलाओं ने पुलिस के सामने आदिवासी महिला को परिजनों के हवाले कर दिया.

महिला ने सुनाया दुख
जब महिला से उसका नाम पूछा गया तो उसने बताया कि उसका नाम पूजा है. उसने बताया कि जब वो घर से गई थी, तब बच्चे बहुत छोटे-छोटे थे. जब महिला से पूछा गया कि तुम घर छोड़कर क्यों चली गई, तो उसने बताया कि मेरा पति मुझे रोज ताने देता था. कहता था कि मेरी छाती पर रह रही है. महिला रोज-रोज के ताने से परेशान होकर घर छोड़कर चली गई. जब महिला से पूछा कि अपने परिवार में किसी को पहचान गई हो, तो उसने कहा कि कोई सामने आएगा तो पहचान लूंगी, हालांकि महिला ने मौके पर मौजूद अपनी देवरानी को पहचान लिया.

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बरखेड़ा गांव की आदिवासी पूजा 2013 में चली गई थी. उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं था. भोपाल में मजदूरी करते-करते ट्रेन में बैठकर केरला पहुंच गई, जहां केरला पुलिस ने महिला को ट्रस्ट के हवाले कर दिया. ट्रस्ट के लोगों ने महिला को रखा और उसका इलाज किया. जब महिला का दिमागी संतुलन ठीक हो गया तो उसके बताए पते पर वह उसे छोड़ने आए हैं. फिलहाल, महिला को उसके परिवार और बच्चों से मिलवा दिया है- सब इंस्पेक्टर जमील काजी

ट्रस्ट ने अब तक 2950 लोगों को मिलवाया
दिव्या करुणनिया चैरिटेबल ट्रस्ट की सदस्य एलिजावत्स ने बताया कि उनके द्वारा मध्य प्रदेश के आठ साथियों को लाया गया था. सब साथियों को उनके क्षेत्रीय थाने में परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. ट्रस्ट की सदस्य ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 2950 लोगों को अब तक उनके परिजनों से मिलवाया जा चुका है. ये संस्था पूरे देश में काम करती है.

Last Updated : Aug 20, 2021, 12:57 PM IST
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