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प्रशासन को नहीं है शहर में सफाई-व्यवस्था का ख्याल, चारों ओर गंदगी का अंबार

विदिशा में सफाई के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. हाल इतने बुरे हो गए है कि शहर में गंदगी के ढ़ेर अब आम बात है. इसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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Published : Jun 8, 2019, 3:43 PM IST

vidhisa

विदिशा। जिले में स्वच्छता अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. शहर में हर तरफ कचरे के ढेर अब आम बात हैं. आम लोगों को रास्तों से निकलना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं प्रशासन की उदासीनता के चलते स्वच्छता अभियान असफल होता दिख रहा है.

स्वच्छता अभियान की खुली पोल

स्थानीय लोगों के मुताबिक अभियान महज दफ्तरों के फोटो तक सिमट कर रह गया है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि विदिशा रेलवे स्टेशन के आसपास कचरे का अम्बार महीनों से अपना ढेरा जमाए हुए है. आलम यह है कि पानी की निकासी के लिए जो नालियां बनाई गई है, वो भी कचरे के कारण पूरी तरह जाम हो गई है.

स्थानीय निवासी बलराम बताते हैं कि नगर पालिका में सफाई के लिए कई बार आवेदन दिया जा चुका है. इसके बाद भी गंदगी की समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं पूजा अहिरवार बताती है कि गंदगी के कारण सड़कों पर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. गंदगी के वजह से संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है.

लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने इन सब से अपनी निगाहें फेर ली है. बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले जिला प्रशासन ने करोड़ों रूपये खर्च कर विदिशा को नम्बर वन बनाने का दावा किया था.

विदिशा। जिले में स्वच्छता अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. शहर में हर तरफ कचरे के ढेर अब आम बात हैं. आम लोगों को रास्तों से निकलना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं प्रशासन की उदासीनता के चलते स्वच्छता अभियान असफल होता दिख रहा है.

स्वच्छता अभियान की खुली पोल

स्थानीय लोगों के मुताबिक अभियान महज दफ्तरों के फोटो तक सिमट कर रह गया है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि विदिशा रेलवे स्टेशन के आसपास कचरे का अम्बार महीनों से अपना ढेरा जमाए हुए है. आलम यह है कि पानी की निकासी के लिए जो नालियां बनाई गई है, वो भी कचरे के कारण पूरी तरह जाम हो गई है.

स्थानीय निवासी बलराम बताते हैं कि नगर पालिका में सफाई के लिए कई बार आवेदन दिया जा चुका है. इसके बाद भी गंदगी की समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं पूजा अहिरवार बताती है कि गंदगी के कारण सड़कों पर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. गंदगी के वजह से संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है.

लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने इन सब से अपनी निगाहें फेर ली है. बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले जिला प्रशासन ने करोड़ों रूपये खर्च कर विदिशा को नम्बर वन बनाने का दावा किया था.

Intro:भले ही स्वक्षयता अभियान के लाख दाबे करे पर जमीनी हकीकत पर महज यह अभियान औपचारिता नज़र आती है विदिशा के अलग अलग जगहों की तसबीरे स्वक्षयता अभियान को मुंह चिढ़ाती नज़र आ रही हैं ।


Body:लाखो करोड़ो खर्च कर स्वक्षयता अभियान आज भी सड़को पर नही आ सका यह अभियान महज दफ्तरों के फोटो तक सिमट कर रह गया विदिशा रेलवे स्टेशन के करीब कचरे का अम्बार जमा हुआ है रोड किनारे आवागमन भी है पर प्रशासन की नज़रों से ओझल है आलम यह है को पानी निकासी के लिए जो नालियां बनाई गईं वो कचरे से पूरी तरह जाम हो चुकी है वार्ड के रहबासी बलराम बताते है नःगर पालिका में कई बार आवेदन दिया आज तक कोई हल नही निकला आप खुद देखिए गंदगी का अम्बार


Conclusion:वहीं शेर पूरा निबासी पूजा अहिरवार का कहना है गंदगी के कारण निकला नही जाता हमारा घर पास में है बदबू में रहने को मजबूर है पर किया करें मजबूरी है 15 दिन में प्रशासन को याद आती है तो साफ करवा देते हैं वरना महीनों बीत जाते है नालियां जाम है घरो के आगे कचरे का ढेर लगा है ।
विधानसभा चुनाब के पहले विदिशा में शाशन ने करोड़ो रूपये खर्च कर अपना विदिशा को नम्बर वन का दाबा किया करोड़ो रूपये के कचरा वाहन से लगाकर मशनिरी होर्डिग पम्पलेट में पैसा खर्च किया पर न तो योजना जमीन पर उतर सकी न ही विदिशा की तसबीर बदल सकी
या हम यूं कह सकते है नःगर पालिका ने स्वक्षता अभियान की महज औपचारिता भर निभाई
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