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यहां होती है लंकापति रावण की पूजा, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

विदिशा जिले का एक गांव जहां रावण की पूजा की जाती है, यहां लोग रावण को महान विद्वान मानते है साथ ही पूजा भी करते हैं.

गांव जहां रावण की पूजा की जाती है
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Published : Oct 7, 2019, 9:49 PM IST

विदिशा। दशहरा के दिन जहां पूरे देश में रावण को बुराई का प्रतीक मान उसका पुतला दहन किया जाता है, वहीं विदिशा जिले में एक ऐसा गांव है जहां रावण की पूजा की जाती है, यहां लोग रावण को राक्षस नहीं बल्की भगवान मानते हैं.

यहां होती है रावण की पूजा

यह गांव शमशाबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जिसका नाम भी रावण है, यहां रावण का एक मंदिर भी है, जिसमें रावण को लेटे हुए दिखाया गया है. गांव का कोई भी शुभ काम रावण की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जाता.

लोगों का कहना है कि रावण पूजा के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं होता. यहां लोग रावण को, रावण बाबा के नाम से पुकारते हैं. लोगों का कहना है कि रावण एक अच्चे पंडित थे, उनके बराबर कोई और विद्वान नहीं था, इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं.

विदिशा। दशहरा के दिन जहां पूरे देश में रावण को बुराई का प्रतीक मान उसका पुतला दहन किया जाता है, वहीं विदिशा जिले में एक ऐसा गांव है जहां रावण की पूजा की जाती है, यहां लोग रावण को राक्षस नहीं बल्की भगवान मानते हैं.

यहां होती है रावण की पूजा

यह गांव शमशाबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जिसका नाम भी रावण है, यहां रावण का एक मंदिर भी है, जिसमें रावण को लेटे हुए दिखाया गया है. गांव का कोई भी शुभ काम रावण की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जाता.

लोगों का कहना है कि रावण पूजा के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं होता. यहां लोग रावण को, रावण बाबा के नाम से पुकारते हैं. लोगों का कहना है कि रावण एक अच्चे पंडित थे, उनके बराबर कोई और विद्वान नहीं था, इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं.

Intro:रावन पूजाBody:स्पेशल स्टोरी शमशाबाद

*स्लग-रावन पूजा*

*गाँव मैं शुभ कार्य के पहले करते हैं रावन कि पूजा*
*रावन पूजा के विना नही होता सफल कार्य*
*रावन बाबा के नाम से पुकारते हैं लोग*
*अच्छाई के रूप मैं पूजते हैं लोग*
एंकर-जहा राम के देश मैं दशहरे पर्व पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानकर रावन दहन कर दसहरा पर्व मनाया जाता है वही राम के देश मैं रावन की पूजा होती है। जी हा हम बात कर रहे शमशाबाद से 40 किलोमीटर दूर रावन गाँव हैं जहाँ रावन का मंदिर हैं उसमें रावण की बड़ी लेते हुई मूर्ति हैं जिसकी
दसहरे के दिन रावन बाबा को भगवान के रूप में पूजा जाता है। गाँव के लोगो का मानना है कि हमारे गाँव मैं जब कोई भी शुभ कार्य होता हैं तो पहले रावन बाबा की पूजा करते हैं यदि उनकी पूजा नही करते हैं तो हमारा कार्य सफल नही होता इसलिए गाँव मैं कोई भी शुभ कार्य होता है तो रावन की पूजा करना जरूरी होती है

वीओ-1विना रावन की पूजा के नही होते सफल कार्य लोगो के बताया कि रावन बाबा की पूजा किये बगैर कोई भी हमारा काम सफल नही होता।

वीओ 2 अच्छाई के रूप मैं पूजते हैं रावन बाबा को लोगो का कहना है कि रावन एक अच्चे विद्धमान पंडित थे उनके बराबर कोई और विद्धमान नही था इसलिए हमें उन्हें पूजते

Baite 1 राजेंद्र
Baite 2 रामबाई
Baite 3 केदार बाई

Conclusion:दसहरे के दिन रावन बाबा को भगवान के रूप में पूजा जाता है। गाँव के लोगो का मानना है कि हमारे गाँव मैं जब कोई भी शुभ कार्य होता हैं तो पहले रावन बाबा की पूजा करते हैं यदि उनकी पूजा नही करते हैं तो हमारा कार्य सफल नही होता
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