विदिशा। दशहरा के दिन जहां पूरे देश में रावण को बुराई का प्रतीक मान उसका पुतला दहन किया जाता है, वहीं विदिशा जिले में एक ऐसा गांव है जहां रावण की पूजा की जाती है, यहां लोग रावण को राक्षस नहीं बल्की भगवान मानते हैं.
यह गांव शमशाबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जिसका नाम भी रावण है, यहां रावण का एक मंदिर भी है, जिसमें रावण को लेटे हुए दिखाया गया है. गांव का कोई भी शुभ काम रावण की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जाता.
लोगों का कहना है कि रावण पूजा के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं होता. यहां लोग रावण को, रावण बाबा के नाम से पुकारते हैं. लोगों का कहना है कि रावण एक अच्चे पंडित थे, उनके बराबर कोई और विद्वान नहीं था, इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं.