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महुआ बीनने वाले ग्रामीणों पर रहेगी वन विभाग की नजर - umaria

उमरिया जिले में महुआ के सीजन में जंगली जानवरों द्वारा हमलें की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग की टीम द्वारा ग्रामीणों को सावधान किया जा रहा हैं. हर साल कई लोग महुआ बीनने के चक्कर में अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.

Every year many deaths occur due to the attack of wild animals on humans.
हर साल इंसानों पर जंगली जानवरों के हमले से होती हैं कई मौंते.
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Published : Feb 26, 2021, 1:50 PM IST

उमरिया। महुआ के सीजन में जंगल के अंदर इंसान और वन्य प्राणी संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने अलर्ट घोषित कर दिया है. जंगल से सटे गांवों में वन विभाग के कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिक लोगों को सावधान करेंगे. महुआ के लिए जंगल में जाने वालें ग्रामीण कई बार हिंसक पशुओं का शिकार हो जाते हैं. कई बार लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ा हैं.

लोग नहीं बरतते सावधानी

महुआ के सीजन में ग्रामीण महुआ इकठ्ठा करने के लिए रात में जंगल की ओर चल देते हैं. इस दौरान कई बार लोग बड़े हादसे का शिकार हो जाते हैं. रात के अंधेरे में उन्हें इस बात का भी अनुमान नहीं हो पाता कि जंगली जानवर आसपास है और दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इन्हीं कारणों से वन विभाग के कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिक ग्रामीणों को सावधान कर रहे हैं.

हर साल होती हैं दर्जनों घटनाएं

महुआ बीनने के लिए जंगल के अंदर जाने वालों के साथ घटनाओं के मामले हर साल सामने आते हैं. पिछले साल एक दर्जन से ज्यादा ऐसी घटनाएं हुई थी. जिसमें जंगली जानवरों ने इंसानों पर हमला किया था. लगभग छह लोगों की मौत भी इस तरह की घटनाओं में हुई थी. महुआ बीनने के अलावा लोग अपने मवेशियों को लेकर भी जंगल के अंदर चले जाते हैं जिससे वे हिंसक जानवरों का शिकार हो जाते हैं.

उमरिया। महुआ के सीजन में जंगल के अंदर इंसान और वन्य प्राणी संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने अलर्ट घोषित कर दिया है. जंगल से सटे गांवों में वन विभाग के कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिक लोगों को सावधान करेंगे. महुआ के लिए जंगल में जाने वालें ग्रामीण कई बार हिंसक पशुओं का शिकार हो जाते हैं. कई बार लोगों को जान से भी हाथ धोना पड़ा हैं.

लोग नहीं बरतते सावधानी

महुआ के सीजन में ग्रामीण महुआ इकठ्ठा करने के लिए रात में जंगल की ओर चल देते हैं. इस दौरान कई बार लोग बड़े हादसे का शिकार हो जाते हैं. रात के अंधेरे में उन्हें इस बात का भी अनुमान नहीं हो पाता कि जंगली जानवर आसपास है और दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इन्हीं कारणों से वन विभाग के कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिक ग्रामीणों को सावधान कर रहे हैं.

हर साल होती हैं दर्जनों घटनाएं

महुआ बीनने के लिए जंगल के अंदर जाने वालों के साथ घटनाओं के मामले हर साल सामने आते हैं. पिछले साल एक दर्जन से ज्यादा ऐसी घटनाएं हुई थी. जिसमें जंगली जानवरों ने इंसानों पर हमला किया था. लगभग छह लोगों की मौत भी इस तरह की घटनाओं में हुई थी. महुआ बीनने के अलावा लोग अपने मवेशियों को लेकर भी जंगल के अंदर चले जाते हैं जिससे वे हिंसक जानवरों का शिकार हो जाते हैं.

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