उमरिया। प्रदेश सरकार ने वन क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी परिवारों के जीवन में बेहतरी लाने के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की है. सरकार ने 13 दिसंबर 2005 के पहले वन भूमि में काबिज परिवारों को वनाधिकार पत्र देने का निर्णय लिया, जिसे क्रियान्वित कराया गया. प्रदेश में पूर्व में 3 लाख आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पत्र दिए गए.
इसी कड़ी में गरीब कल्याण सप्ताह के तहत आयोजित वन उत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के 23 हजार परिवारों को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से वनाधिकार पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें जिले के 1 हजार 118 परिवारों को वनाधिकार पत्र दिए गए है. जिन आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पत्र प्राप्त हुए है, वे अब खेती का काम कर सकेंगे.
इस दौरान बांधवगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह गरीब कल्याण सप्ताह के तहत सामुदायिक भवन में आयोजित वन उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिलीप पाण्डेय, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, वनमण्डलाधिकारी आरएस सिकरवार, आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार सहित शासकीय सेवक उपस्थित रहे.
विधायक शिवनारायण सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के विकास के लिए विदेश अध्ययन योजना, तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश पर शुल्क की व्यवस्था, छात्रवास आश्रमों और स्कूलों का शुभारंभ छात्रवृत्ति, शिष्य वृत्ति में वृद्धि, वनाधिकार पट्टे प्राप्त करने वाले हितग्राहियों के जमीन की सिंचाई की व्यवस्था, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ, जन जातीय संस्कृति के संरक्षण सहित सवंर्धन का कार्य प्रारंभ किया गया है. बच्चों के कौशल उन्नयन के लिए कम्प्यूटर शिक्षा, पायलट का प्रशिक्षण, छोटे-छोटे व्यवसाय के लिए सहायता, प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला योजना का लाभ किसान क्रेडिट कार्ड जैसी अनेकों सुविधाएं संचालित की गई है.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिलीप पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार अंत्योदय को प्रथम पंक्ति में लाने की नीति पर कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि गरीब कल्याण सप्ताह के आयोजन के पीछें सरकार की मंशा है कि प्रदेश का हर व्यक्ति शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें और पात्रता अनुसार उसका लाभ ले सकें. इस दौरान कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुसार वनाधिकार अधिनियम के तहत कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित नहीं रह सकें. इसीलिए पूर्व में जो दावे निरस्त कर दिए गए थे, उनका पुनरावलोकन करके पात्र व्यक्तियों को लाभ दिया जा रहा है. साथ ही इससे जुड़ी जानकारी वन मित्र पोर्टल में दर्ज की जा रही है.
जिले में अब तक 1 हजार 118 दावे मान्य किए गए है. कोई भी निरस्त दावा अमान्य नहीं किया गया है. विभिन्न स्तरों पर दावों की जांच की जा रही है. वहीं आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा ने वनाधिकार अधिनियम के तहत शासन के प्रावधानों और अब तक की उपलब्धियों की जानकारी दी है. इस अवसर पर 28 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र का वितरण किया गया. कार्यक्रम का संचालन एपीसी सुशील मिश्रा द्वारा किया गया.