उमरिया। जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी दयाराम सिंह की मौत के बाद भारी सुरक्षा के बीच गृह ग्राम हिरौली में उसका अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान जिले के कलेक्टर एसपी समेत हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.बता दें मृतक दयाराम सिंह गोंड गोंगपा का सक्रिय कार्यकर्ता था और पुलिस के साथ हिंसा और मारपीट के आरोप में जिला जेल में बंद था.
कौन था दयाराम: दयाराम सिंह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का सक्रिय नेता था. 26 सितंबर को उमरिया स्टेशन चौक में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रदर्शन था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हिंसा करते हुए सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बर्बरता पूर्ण मारपीट की थी. जिसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसी मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता दयाराम सिंह को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था. दयाराम की उम्र 55 साल थी और वे हिरौली मानपुर गांव के रहने वाले थे.
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इलाज के दौरान हुई मौत: कुछ दिनों पहले जेल में बंद दयाराम की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसे इलाज के लिए पहले उमरिया जिला चिकित्सालय और फिर जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था.जहां इलाज के दौरान 19 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी.
पुलिस के साये में अंतिम संस्कार: मौत के बाद भारी सुरक्षा के बीच मृतक का शव उसके गांव पहुंचा. जहां कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में दयाराम का अंतिम संस्कार कराया गया.
आर्थिक सहायता देने पर होगा विचार: जिला प्रशासन ने गोंगपा नेताओं के द्वारा घटना के बाद फिर से प्रदर्शन और हिंसक आंदोलन की आशंका के चलते गांव में भारी सुरक्षा बल तैनात किया था. कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का कहना है कि मृतक के परिजनों ने आर्थिक सहायता सहित अन्य कई मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है जिस पर विचार के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.