उमरिया। जिले में एक नाबालिग युवती से दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने आरोपित गुड्डा बैगा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. (Umariya imprisonment for raping a minor) मामले में आरोपित को 20 वर्ष का सश्रम कारावास दिया गया है. अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में माननीय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधियों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 उमरिया विवेक सिंह रघुवंशी के न्यायालय द्वारा आरोपित गुड्डू बैगा को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अंतर्गत 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदंड तथा धारा 366 के अंतर्गत 10 वर्ष का कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड, धारा 376 (२)(ढ) के अंतर्गत 10 वर्ष का कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदंड तथा धारा 376 (3) के अंतर्गत 20 वर्ष का साश्रम कारावास 500 रूपये का अर्थ दंड, धारा 506 भाग 2 के अंतर्गत 1 वर्ष का कारावास 500 का अर्थदंड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 56 सहपाठी धारा 6 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है.
जान से खत्म करने की दी धमकी: मीडिया प्रभारी अभियोजन नीरज पांडे के द्वारा बताया गया कि पीड़ित लड़की ने दिनांक 31 मार्च 2020 को थाना पाली में इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपनी मां एवं तीन के साथ रहकर कक्षा 9 वीं में पढ़ती थी. उसके पिता की मृत्यु करीबन 4 साल पहले हो गई थी. 29 मार्च 2020 की सुबह करीब 6 उसके बाहर जाने के लिए निकलने पर गांव के बाहर आरोपित गुड्डा बैगा ने उसे रास्ते में रोककर कहा कि तुम मेरे साथ चलो. उसके मना करने पर उसने जबर्दस्ती उसका हाथ पकड़ लिया और बोला कि यदि मेरे साथ नहीं चलोगी तो जान से खत्म कर दूंगा.
शादी का झांसा देकर किया रेप: पीड़िता डर के कारण उसके साथ चली गई. आरोपित गुड्डू बैगा उसे दइगंमा की नर्सरी में ले गया और रात भर नर्सरी में रखा. आरोपित गुड्डू बैगा ने उससे कहा कि मैं तुमसे प्रेम करता हूं तुमसे शादी करना चाहता हूं और शादी का झांसा देखकर नर्सरी में ही पीड़िता के साथ रात में ही उसकी मर्जी के बिना कई बार बलात्कार किया. अगले दिन आरोपित गुड्डू बैगा उसे अपने ग्राम दईगवां वाले घर में ले गया. आरोपित गुड्डू बैगा पीड़िता को जबरन गांव के बाहर ले जाकर उसकी मर्जी के बिना उसके साथ बलात्कार किया. जिसके बाद उसने यह बात अपनी मां एवं भाई को बताई थी.
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पुलिस ने किया मामला दर्ज: पुलिस ने अभियुक्त गुड्डू बैगा के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर संपूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया. न्यायालय में शासन की ओर से पीड़िता का पक्ष अभियोजन अधिकारी द्वारा रखा गया. न्यायालय में पीड़िता एवं उसके माता-पिता जिन्होंने अभियोजन मामले का समर्थन किया। विवेचना अधिकारी लता मेश्राम द्वारा प्रकरण की गहनता से विवेचना की गई. जिससे अभियोजन द्वारा अभियुक्त गुड्डू बैगा को दोष सिद्ध करने में सफलता प्राप्त हुई। राज्य की ओर से मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चना मरावी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी वी के वर्मा द्वारा सशक्त पैरवी की गई एवं आरोपित को कठोर से कठोर दंड देने का निवेदन किया गया.