उज्जैन। एमपी में कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इधर, लिस्ट जारी होने क बाद से ही पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है. पहला मामला उज्जैन उत्तर से देखने को मिला. यहां माया राजेश त्रिवेदी को उम्मीदवार घोषित करने के बाद से विरोध शुरु हो गया है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि माया राजेश त्रिवेदी ने पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. अगर पार्टी ने सर्वे के आधार पर टिकट दिए हैं, तो उन्हें मौका मिलना चाहिए, जो पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत करते आ रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंककर भी विरोध जताया है.
उज्जैन जिले की सीटों से इन्हें बनाया उम्मीदवार: उज्जैन उत्तर विधानसभा से माया राजेश त्रिवेदी को कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. वहीं, तराना विधानसभा से महेश परमार को दूसरी बार कांग्रेस पार्टी ने मौका दिया है और रामलाल मालवीय घटिया विधानसभा से उन्हें भी दोबारा मौका दिया गया है. दिलीप गुर्जर नागदा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने उन पर फिर भरोसा जताया है और महिदपुर विधानसभा से दिनेश जैन बॉस को पहली बार पार्टी ने मौका दिया है.
उज्जैन नागदा खाचरोद विधानसभा से इन्हें बनाया उम्मीदवार: उज्जैन नागदा खाचरोद विधानसभा से कांग्रेस पार्टी में दिलीप गुर्जर को पांचवीं बार मौका दिया है. दिलीप गुर्जर 1993 में पहली बार कांग्रेस की ओर से विधायक बने थे. उसके बाद 2003 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी और 2008 में दिलीप गुर्जर को जनता ने फिर आशीर्वाद दिया और फिर विधायक बने. इसके बाद 2018 में भी कांग्रेस पार्टी में इन पर विश्वास जताया और जीत हासिल कर दिलीप गुर्जर विधायक बने थे. वहीं, इस बार फिर कांग्रेस पार्टी ने दिलीप गुर्जर पर विश्वास जताया है.दिलीप गुर्जर ने बीजेपी के विधायक दिलीप सिंह शेखावत को हराकर जीत हासिल की थी.
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उज्जैन घटिया विधानसभा से इन्हें बनाया उम्मीदवार: उज्जैन घटिया विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने रामलाल मालवीय को दोबारा मौका दिया है. इसके पहले रामलाल मालवीय ने 2018 में कांग्रेस पार्टी से बीजेपी में गए. प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी को चुनाव हराकर जीत हासिल की थी. वहीं, एक बार फिर रामलाल मालवीय को कांग्रेस पार्टी में मौका दिया है. उज्जैन तराना विधानसभा से महेश परमार को कांग्रेस पार्टी में दूसरी बार मौका दिया है. इसके पहले 2018 में महेश परमार ने बीजेपी के विधायक अनिल फिरोजिया को हरा कर जीत हासिल की थी. वहीं, महेश परमार को इस बार फिर कांग्रेस पार्टी ने तराना विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है और उन पर भरोसा जताया है.
उज्जैन महिदपुर विधानसभा से इन्हें बनाया उम्मीदवार: उज्जैन महिदपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने पहली बार दिनेश जैन बॉस को मौका दिया है. 2013 में कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार कल्पना परूलेकर के सामने निर्दलीय चुनाव लड़े थे. इसके बाद फिर 2018 में पार्टी की तरफ से दिनेश जैन को टिकट नहीं मिला, तो फिर सरदार सिंह चौहान के सामने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे. इस बार कांग्रेस पार्टी ने दिनेश जैन बस पर विश्वास जताते हुए, उन्हें उम्मीदवार के रूप में टिकट दिया है. वहां पर लगातार भाजपा के उम्मीदवार बहादुर सिंह चौहान डटे हुए हैं.