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एक निजी कंपनी का गजब कारनाम, मौत के बाद कराया शव का इलाज - श्रमिक के शव का इलाज

जिले के एक कंपनी में काम करने वाले मजदूर के शव का इलाज करने का मामला सामने आया है. श्रमिक संगठनों का आरोप है कि मृतक की मौत से उपजे असंतोष से बचने के लिए कंपनी ऐसा किया है.

treatment of the dead body done in hospital
श्रमिक की शव का कराया इलाज
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Published : Mar 18, 2021, 9:04 PM IST

उमरिया। जिले में निजी कंपनी में काम करने वाले श्रमिक के शव को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने का मामला सामने आया है. आरोप यह है की पहले ही श्रमिक की मौत हो चुकी थी. लेकिन उसके बाद शव का इलाज किया गया. मामले की पोल खुलने के बाद श्रमिक को दूसरे अस्पताल लाया गया. जहां उसे मृत घोषित किया गया.

मौत के बाद शव का इलाज

जिले के प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले श्रमिक शव का इलाज करने का मामला सामने है. दरअसल श्रमिक की पहले ही मौत हो चुकी थी. आनन-फानन में श्रमिक को दोबारा मृत घोषित किया गया. जानकारी के मुताबिक काम करने के दौरान मजदूर के उपर मशीन का एक लोहा गिरा गया. जिससे श्रमिक के सिर पर गंभीर चोटें आई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

मामले की खुली पोल

मृतक के परिजनों के मुताबिक हादसे के बाद श्रमिक को नौरोजाबाद स्थित कालरी अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बावजूद श्रमिक के शव का पीएम कराने की बजाय कम्पनी के अधिकारी उसे शहडोल के श्रीराम अस्पताल ले गए. जहां लाश को ही भर्ती कर दिया गया. पोल खुलने के डर से अस्पताल प्रबंधन ने भाबुतोष को मृत घोषित करते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया.

कर्मचारियों का आरोप कंपनी में हो रहा मजदूरों का शोषण

सरकार की नई नीति के तहत कोयला खदान संचालित हो रही है. लेकिन यहां काम करने वाले मजदूरों के मुताबिक श्रमिकों को न तो मजदूरी दी जाती है और न ही उनके सुरक्षा का कोई ख्याल ही रखा जाता है. इतना ही नहीं निजी कम्पनियां लाभ कमाने के चक्कर मे नियमों का उल्लंघन कर खनन कर रही हैं. श्रमिक संगठनो का आरोप है कि मृतक की मौत से उपजे असंतोष से बचने के लिए कंपनी प्रबंधन गोलमोल जवाब दे रही है. संगठनों की मांग है कि पुलिस इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे.

उमरिया। जिले में निजी कंपनी में काम करने वाले श्रमिक के शव को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने का मामला सामने आया है. आरोप यह है की पहले ही श्रमिक की मौत हो चुकी थी. लेकिन उसके बाद शव का इलाज किया गया. मामले की पोल खुलने के बाद श्रमिक को दूसरे अस्पताल लाया गया. जहां उसे मृत घोषित किया गया.

मौत के बाद शव का इलाज

जिले के प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले श्रमिक शव का इलाज करने का मामला सामने है. दरअसल श्रमिक की पहले ही मौत हो चुकी थी. आनन-फानन में श्रमिक को दोबारा मृत घोषित किया गया. जानकारी के मुताबिक काम करने के दौरान मजदूर के उपर मशीन का एक लोहा गिरा गया. जिससे श्रमिक के सिर पर गंभीर चोटें आई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

मामले की खुली पोल

मृतक के परिजनों के मुताबिक हादसे के बाद श्रमिक को नौरोजाबाद स्थित कालरी अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बावजूद श्रमिक के शव का पीएम कराने की बजाय कम्पनी के अधिकारी उसे शहडोल के श्रीराम अस्पताल ले गए. जहां लाश को ही भर्ती कर दिया गया. पोल खुलने के डर से अस्पताल प्रबंधन ने भाबुतोष को मृत घोषित करते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया.

कर्मचारियों का आरोप कंपनी में हो रहा मजदूरों का शोषण

सरकार की नई नीति के तहत कोयला खदान संचालित हो रही है. लेकिन यहां काम करने वाले मजदूरों के मुताबिक श्रमिकों को न तो मजदूरी दी जाती है और न ही उनके सुरक्षा का कोई ख्याल ही रखा जाता है. इतना ही नहीं निजी कम्पनियां लाभ कमाने के चक्कर मे नियमों का उल्लंघन कर खनन कर रही हैं. श्रमिक संगठनो का आरोप है कि मृतक की मौत से उपजे असंतोष से बचने के लिए कंपनी प्रबंधन गोलमोल जवाब दे रही है. संगठनों की मांग है कि पुलिस इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे.

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