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प्यास बुझाने इंसानी बस्ती में पहुंचे चितल को कुत्तों को बनाया शिकार

जिले में बुधवार की सुबह करीब 6 बजे भी एक घटना घटी, जब एक नर चीतल जरहा गांव के नजदीक आ गया. उस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और उन्होंने हमला कर दिया. आफत में फंसे नर चीतल पर फायर वाचर रामलाल सिंह की नजर पड़ी, उन्होंने सजगता का परिचय देते हुए ग्रामीणों की मदद से आवारा कुत्तों की जद से उसे बचाया.

thirsty male chital reached at umaria's village
प्यास मिटाने उमरिया के गांव में पहुंचा नर चितल
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Published : Apr 29, 2021, 9:34 AM IST

उमरिया। इन दिनों गर्मी में प्यास से बेहाल वन्य जीव पानी की तलाश में इंसानी बस्तियों का रूख कर रहे हैं. वे बार-बार आबादी से लगे तालाब और अन्य स्रोतों के पास खींचे चले आ रहे हैं. जिले में बुधवार की सुबह करीब 6 बजे भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक नर चीतल जरहा गांव के नजदीक आ गया. उस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और उन्होंने हमला कर दिया. आफत में फंसे नर चीतल पर फायर वाचर रामलाल सिंह की नजर पड़ी, उन्होंने सजगता का परिचय देते हुए ग्रामीणों की मदद से आवारा कुत्तों की जद से उसे बचाया.

पानी की तलाश में वनों से गांवों में आ रहे हैं वन प्राणी

गर्मी बढ़ने के साथ ही साथ नदी-नाले सूख रहे हैं. इससे जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव की ओर रुख कर रहे हैं. इन दिनों वनमंडल उमरिया में जंगलों से भटक कर आ रहे चीतलों की मौत आम बात हो गई है. इसके बावजूद भी वन विभाग की ओर से जंगलों में जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की जा रही है. इससे उनके सुरक्षा पर भी आंच आ रही है. गांव के करीब आने पर आवारा कुत्ते उन पर हमला कर देते हैं.

कोरोना काल में महिलाओं को घर बैठे मिल रहा काम

गर्मी में ज्यादातर जंगली जानवर इंसानी बस्तियों का करते हैं रूख

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर जंगली जानवर प्यास के कारण गांव की ओर भटक आते हैं. यहां घूम रहे आवारा कुत्तों की उनपर नजर पड़ जाती है. ज्यादातर ऐसे मामलों में उनकी जान चली जाती है.

सूचना पर वन विभाग हुआ सक्रिय

नर शावक के घायल होने की सूचना जैसे ही जिला मुख्यालय में लगी, वे हरकत में आ गए. अधिकारियों ने घायल नर चीतल को लाने के लिए तत्काल एक वाहन भेजा. कुछ ही देर में उसे पशु चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया.

उमरिया। इन दिनों गर्मी में प्यास से बेहाल वन्य जीव पानी की तलाश में इंसानी बस्तियों का रूख कर रहे हैं. वे बार-बार आबादी से लगे तालाब और अन्य स्रोतों के पास खींचे चले आ रहे हैं. जिले में बुधवार की सुबह करीब 6 बजे भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक नर चीतल जरहा गांव के नजदीक आ गया. उस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और उन्होंने हमला कर दिया. आफत में फंसे नर चीतल पर फायर वाचर रामलाल सिंह की नजर पड़ी, उन्होंने सजगता का परिचय देते हुए ग्रामीणों की मदद से आवारा कुत्तों की जद से उसे बचाया.

पानी की तलाश में वनों से गांवों में आ रहे हैं वन प्राणी

गर्मी बढ़ने के साथ ही साथ नदी-नाले सूख रहे हैं. इससे जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव की ओर रुख कर रहे हैं. इन दिनों वनमंडल उमरिया में जंगलों से भटक कर आ रहे चीतलों की मौत आम बात हो गई है. इसके बावजूद भी वन विभाग की ओर से जंगलों में जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की जा रही है. इससे उनके सुरक्षा पर भी आंच आ रही है. गांव के करीब आने पर आवारा कुत्ते उन पर हमला कर देते हैं.

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गर्मी में ज्यादातर जंगली जानवर इंसानी बस्तियों का करते हैं रूख

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर जंगली जानवर प्यास के कारण गांव की ओर भटक आते हैं. यहां घूम रहे आवारा कुत्तों की उनपर नजर पड़ जाती है. ज्यादातर ऐसे मामलों में उनकी जान चली जाती है.

सूचना पर वन विभाग हुआ सक्रिय

नर शावक के घायल होने की सूचना जैसे ही जिला मुख्यालय में लगी, वे हरकत में आ गए. अधिकारियों ने घायल नर चीतल को लाने के लिए तत्काल एक वाहन भेजा. कुछ ही देर में उसे पशु चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया.

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