उमरिया। जिले में तेज आंधी चलने के कारण संजय गांधी ताप विद्युत गृह में लगा स्ट्रैकर रीक्लेमर धराशायी हो गया. करोड़ों रुपये की लागत से स्थापित रीक्लेमर अत्यंत महत्वपूर्ण मशीन है, जो प्लांट के यार्ड की जमीन से कोयला उठाने का काम करता है. जानकारी अनुसार संयंत्र की स्थापना के बाद पहली बार ऐसा हादसा हुआ है. गनीमत यह रही कि इस घटना मे कोई जनहानि नहीं हुई. प्लांट में हुए इस भारी नुकसान के पीछे घोर लापरवाही की बात भी सामने आई है. जानकारों का मानना है कि प्रबंधन द्वारा रीक्लेमर को खुला छोड़ दिया गया. जिससे हवा के दबाव से पहले तो यह कई मीटर आगे-पीछे होता रहा, फिर अचानक टूट कर बिखर गया. इस मामले में सीई हेमंत संकुले का कहना है कि घटना अचानक आई आंधी के कारण हुई है.
स्ट्रैकर रीक्लेमर को नहीं किया गया था लॉक
कर्मचारियों का कहना है कि समय रहते स्ट्रैकर रीक्लेमर को लॉक कर दिया जाता तो ये हादसा नहीं होता और ना ही प्लांट को लाखों रुपये की चपत लगती. हालांकि प्रबंधन का कहना है कि अचानक आंधी आने के कारण इतना समय नहीं मिला कि उसे लॉक कर दिया जाता. हालांकि किसी को इस बात का अनुमान भी नहीं था कि ऐसा कोई हादसा भी हो सकता है. यही कारण है कि स्ट्रैकर रीक्लेमर को लॉक नहीं किया गया था. यह आरोप भी प्रबंधन पर कुछ लोग लगा रहे हैं कि स्ट्रैकर रीक्लेमर को लॉक को जानबूझकर लॉक नहीं किया गया था क्योंकि उसके टूटने से मेंटेनेंस कराने का अवसर मिलेगा और इस तरह कुछ कमाई होगी. हालांकि इस आरोप को प्रबंधन ने सिरे से नकार दिया है.
दो यूनिट हैं बंद
जानकारी के अनुसार वर्तमान मे संयंत्र की 5 में से 3 यूनिट चालू है, इनमें से 1 नंबर की क्षमता 210, 2 की 210 और 5 नंबर की 500 मेगावाट है. जबकि उत्पादन इसका करीब आधा हो रहा है. वहीं 210 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट क्रमांक 2 और 3 कोयला शार्टेज के नाम पर विगत 26 अप्रेल से बंद पड़ी है. हालांकि बहुत कम मौके ऐसे आए हैं जब प्लांट की सभी यूनिट पूरी क्षमता के साथ चलाई गई हो.