उमरिया। जिले में प्रदेश सरकार की धान खरीदी नीति किसानों के लिए गले की फांस बनती जा रही है. पोर्टल में नाम दर्ज न होने से कौड़िया धान खरीदी केंद्र पर किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही है. जिससे नाराज किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं किसानों ने अपनी मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
किसानों का कहना है कि पोर्टल में नाम नहीं दिखने के कारण खरीदी केंद्र पर धान नहीं खरीदी जा रही है. जिसे किसानों को अब धान के रखरखाव को लेकर परेशान है. जिससे नाराज किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर जिला कार्यालय पहुंचे और धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों ने चेतावनी दी है अगर उनकी धान समय पर नहीं खरीदी गई तो वे आंदोलन करेंगे.
बता दें कि जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान पहले तो अतिवर्षा से प्रभावित हुई फिर कंडुआ रोग लगने से आधी से ज्यादा फसल चौपट हो गई. बची खुची धान लेकर जब किसान केंद्रों में पहुंचे तो पोर्टल से नाम गायब होने से किसान परेशान हैं. वहीं खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने इसके लिए राज्य शासन की नीतियों को जिम्मेदार बताई है.
कर्मचारियों का कहना है कि शासन के नियम के मुताबिक किसी भी खरीदी केंद्र में या तो 750 किसान पोर्टल में दर्ज किए जाएंगे या फिर 50 हजार क्विंटल धान खरीदी जाएगी. कौड़िया धान खरीदी केंद्र में शामिल गांवों में किसानों की संख्या 750 पहुंच जाने के कारण शेष गांवों के किसानों के नान पोर्टल में नहीं जोड़े जा सकते. अब विभाग भोपाल में बैठे अधिकारी से संपर्क कर पोर्टल में तय क्षमता से अधिक किसानों के नाम जोड़ने की बात कर रहा है.