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सरकार की धान खरीदी नीति बनी किसानों के गले की फांस, गुस्से में किसान - धान खरीदी नीति

उमरिया के कौड़िया धान खरीदी केंद्र के पोर्टल पर किसानों का नाम नहीं दिखने से किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही है. जिससे किसान परेशान हो रहे है. वहीं इससे नाराज किसानों ने जमकर हंगामा किया.

Farmers worried about not buying paddy
धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान
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Published : Dec 28, 2019, 10:19 AM IST

उमरिया। जिले में प्रदेश सरकार की धान खरीदी नीति किसानों के लिए गले की फांस बनती जा रही है. पोर्टल में नाम दर्ज न होने से कौड़िया धान खरीदी केंद्र पर किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही है. जिससे नाराज किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं किसानों ने अपनी मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान


किसानों का कहना है कि पोर्टल में नाम नहीं दिखने के कारण खरीदी केंद्र पर धान नहीं खरीदी जा रही है. जिसे किसानों को अब धान के रखरखाव को लेकर परेशान है. जिससे नाराज किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर जिला कार्यालय पहुंचे और धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों ने चेतावनी दी है अगर उनकी धान समय पर नहीं खरीदी गई तो वे आंदोलन करेंगे.


बता दें कि जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान पहले तो अतिवर्षा से प्रभावित हुई फिर कंडुआ रोग लगने से आधी से ज्यादा फसल चौपट हो गई. बची खुची धान लेकर जब किसान केंद्रों में पहुंचे तो पोर्टल से नाम गायब होने से किसान परेशान हैं. वहीं खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने इसके लिए राज्य शासन की नीतियों को जिम्मेदार बताई है.


कर्मचारियों का कहना है कि शासन के नियम के मुताबिक किसी भी खरीदी केंद्र में या तो 750 किसान पोर्टल में दर्ज किए जाएंगे या फिर 50 हजार क्विंटल धान खरीदी जाएगी. कौड़िया धान खरीदी केंद्र में शामिल गांवों में किसानों की संख्या 750 पहुंच जाने के कारण शेष गांवों के किसानों के नान पोर्टल में नहीं जोड़े जा सकते. अब विभाग भोपाल में बैठे अधिकारी से संपर्क कर पोर्टल में तय क्षमता से अधिक किसानों के नाम जोड़ने की बात कर रहा है.

उमरिया। जिले में प्रदेश सरकार की धान खरीदी नीति किसानों के लिए गले की फांस बनती जा रही है. पोर्टल में नाम दर्ज न होने से कौड़िया धान खरीदी केंद्र पर किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही है. जिससे नाराज किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं किसानों ने अपनी मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान


किसानों का कहना है कि पोर्टल में नाम नहीं दिखने के कारण खरीदी केंद्र पर धान नहीं खरीदी जा रही है. जिसे किसानों को अब धान के रखरखाव को लेकर परेशान है. जिससे नाराज किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर जिला कार्यालय पहुंचे और धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन किया. किसानों ने चेतावनी दी है अगर उनकी धान समय पर नहीं खरीदी गई तो वे आंदोलन करेंगे.


बता दें कि जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान पहले तो अतिवर्षा से प्रभावित हुई फिर कंडुआ रोग लगने से आधी से ज्यादा फसल चौपट हो गई. बची खुची धान लेकर जब किसान केंद्रों में पहुंचे तो पोर्टल से नाम गायब होने से किसान परेशान हैं. वहीं खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने इसके लिए राज्य शासन की नीतियों को जिम्मेदार बताई है.


कर्मचारियों का कहना है कि शासन के नियम के मुताबिक किसी भी खरीदी केंद्र में या तो 750 किसान पोर्टल में दर्ज किए जाएंगे या फिर 50 हजार क्विंटल धान खरीदी जाएगी. कौड़िया धान खरीदी केंद्र में शामिल गांवों में किसानों की संख्या 750 पहुंच जाने के कारण शेष गांवों के किसानों के नान पोर्टल में नहीं जोड़े जा सकते. अब विभाग भोपाल में बैठे अधिकारी से संपर्क कर पोर्टल में तय क्षमता से अधिक किसानों के नाम जोड़ने की बात कर रहा है.

Intro:उमरिया जिले में राज्य सरकार की धान खरीदी नीति बनी किसानों के गले की फांस,पोर्टल में नाम दर्ज न होने से कौड़िया धान खरीदी केंद्र के आधा दर्जन गांवों के किसान प्रभावित,शुक्रवार को ट्रेक्टर में सवार होकर किसान पंहुचे कलेक्टर कार्यालय ,प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन।Body:उमरिया जिले में राज्य सरकार की धान खरीदी नीति बनी किसानों के गले की फांस,पोर्टल में नाम दर्ज न होने से कौड़िया धान खरीदी केंद्र के आधा दर्जन गांवों के किसान प्रभावित,शुक्रवार को ट्रेक्टर में सवार होकर किसान पंहुचे कलेक्टर कार्यालय ,प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन।

उमरिया कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते ये सैकड़ों किसान कौड़िया धान खरीदी केंद्र से लगे हुए आधा दर्जन गांवों के हैं जिनकी धान केंद्रों में नही खरीदी जा रही जिम्मेदार केंद्र प्रभारी पोर्टल में किसानों के नाम नही शो करने से धान खरीदी से मना कर रहे हैं जिससे किसान धान के रखरखाव को लेकर परेशान है,शुक्रवार को किसान ट्रेक्टर में सवार होकर जिला कार्यालय पंहुचे और धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन किया किसानों ने चेतावनी दी है अगर उनकी धान समय पर नही खरीदी गई तो वे आंदोलन करेंगे।

बाइट-01 (किसान)
बाइट-02 (किसान)

उमरिया जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान पहले तो अतिवर्षा से प्रभावित हुई फिर कंडुआ रोग लगने से आधी से ज्यादा फसल चौपट हो गई बची खुची धान लेकर जब किसान केंद्रों में पंहुचे तो पोर्टल से नाम गायब ऐसे में किसान परेशान हैं वहीं जिम्मेदार विभाग की माने तो इसके लिए राज्य शासन की नीति जिम्मेदार बताई जा रही है शासन के नियम के मुताबिक किसी भी खरीदी केंद्र में या तो 750 किसान पोर्टल में दर्ज किए जाएंगे या फिर 50000 क्विंटल धान खरीदी जाएगी,कौड़िया धान खरीदी केंद्र में शामिल गांवो में किसानों की संख्या 750 पंहुच जाने के कारण शेष गांवो के किसान पोर्टल में नही जोड़े जा सकते अब विभाग भोपाल में बैठे अधिकारियी से संपर्क कर पोर्टल में तय क्षमता से अधिक किसानों के नाम जोड़ने की बात कर रहा है।

बाइट-3 प्रभा बरकड़े(खाद्य निरीक्षक उमरिया)

उमरिया जिले में धान खरीदी शुरू हुए माह भर पूरा होने को है लेकिन अभी तक किसानों 25 फीसदी धान भी नही खरीदी जा सकी है जिसके पीछे लगातार इन्ही वजहों का सामने आना है धान खरीदी के निर्धारित समय पर किसान अगर अपनी धान नही बेच पाया तो उसे अगली फसल की बोआई से लेकर वर्ष भर परिवार के आजीविका की समस्या से जूझना होगा।. Conclusion:
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