उमरिया। जिले के नौरोजाबाद तहसील अंतर्गत ग्राम कोहका के आईटीआई परिसर में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक दिवसीय पर्यावरणीय लोक सुनवाई का आयोजन किया. जिमसें कंचन खुली खदान विस्तार परियोजना के तहत अधिग्रहण करने वाली जमीन पर होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में विस्तृत चर्चा की गई.
कंचन खुली खदान में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन सभी किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए एक- एक किसान को मंच के माध्यम से अपनी बात रखने का मौका दिया गया.
खुले मंच से लगाए गए अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप
भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई से सम्बंधित दो अधिकारियों पर खुले मंच के माध्यम से किसानों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, साथ ही अधिकारियों पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया.
किसानों ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाए हैं, कि उन्होंने अपनी बात रखी थी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. और पूर्व में जो अधिग्रहण किया गया था, उसका अभी पूरा मामला नहीं सुलझा है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंचन खुली खदान के लिए आगे जो अधिग्रहण किया जा रहा है, उसकी जिला कलेक्टर से शिकायत की गई है, और यदि पुराने मामले नहीं सुलझते हैं, तो नए अधिग्रहण पर हम अपनी सहमति नहीं देंगे.