उमरिया। इंदौर के रेसीडेंसी इलाके में मृत मिले कौओं में बर्ड फ्लू बीमारी की पुष्टि हुई है. इसे देखते हुए वन विभाग ने प्रदेश के सभी संरक्षित क्षेत्रों, अभयारण्य और नेशनल पार्क के प्रबंधन को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं. प्रबंधनों से कहा गया है कि क्षेत्र के सभी जलाशय की लगातार निगरानी करें. किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई देने पर स्थानीय पशु चिकित्सकों की मदद से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजें.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संचालक विसेंट रहीम ने कहा कि राज्य और केंद्र से मिली जानकारी को मैदानी अमले तक अवगत कराया गया है. कहीं भी अगर एक साथ पक्षियों के मौत का मामला सामने आता है, तो उन्हें गाइडलाइन के हिसाब से पोस्टमार्टम किया जाएगा.
बांधवगढ़ में पक्षियों की 250 प्रजाति
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान शुरू से ही मनोरंजन का केंद्र रहा है. वर्ष 1968 में बनाया गया बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान विश्व भर में बाघों के लिए जाना जाता है. ये उद्यान वनस्पतियों और झाड़ियों की विभिन्न जातियों से भरा हुआ है. यहां शेर, तेंदुआ, बारहसिंघा, बाइसन (जंगली भैंसे की एक दुर्लभ प्रजाति), जंगली सुअर, जंगली श्वान, चीतल, नीलगाय, चिंकारा सांभर जैसे पशुओं की 22 प्रजातियां देखने को मिलती है. साथ ही लगभग 250 प्रकार की पक्षियों की भी प्रजातियां यहां पाई जाती हैं. ऐसे में बर्ड फ्लू को लेकर बाँधवगढ़ का अलर्ट लाजिमी है.